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यूपीएससी परीक्षा : पढि़ए, शहर के टॉपरों की जुबानी कैसे मिला मुकाम

परिणाम के बाद दूसरे दिन भी सुबह से बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

By AbhishekEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 06:11 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 06:11 PM (IST)
यूपीएससी परीक्षा : पढि़ए, शहर के टॉपरों की जुबानी कैसे मिला मुकाम
यूपीएससी परीक्षा : पढि़ए, शहर के टॉपरों की जुबानी कैसे मिला मुकाम

कानपुर, जेएनएन। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा-2018 में शहर के छह मेधावियों ने जलवा दिखाया है। परिवार के साथ खुशी लबरेज टॉपरों ने अपनी सफलता का राज भी साझा किया। परिणाम के बाद दूसरे दिन सुबह से बधाई देने वालों का तांता उनके घर पर लगा रहा और उत्सव जैसा माहौल रहा।

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देशसेवा के लिए छोड़ा था 40 लाख का पैकेज

देशसेवा की सोच के चलते क्या कोई विदेश में 40 लाख रुपये सालाना की नौकरी का पैकेज छोड़ सकता है? शायद नहीं। मगर, केशवपुरम निवासी शिवांश अवस्थी ने बेहतर पैकेज के बजाय देश सेवा को अहमियत दी। उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर पहले ही प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2018 के परिणाम में 77वीं रैंक हासिल की है। शिवांश ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता अपर्णा व पिता शैलेश अवस्थी को दिया। उन्होंने 10वीं मेें 95 फीसद व 12वीं में 92 फीसद अंक हासिल किए थे।

12वीं की परीक्षा के साथ ही उनका चयन आइआइटी कानपुर में हो गया। यहां से एयरोस्पेस इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई पूरी कर जापान की एक नामचीन कंपनी में 40 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर ढाई साल तक नौकरी की। दिल में तो कुछ और ही बनने का ख्वाब संजो रखा था, इसलिए वह नौकरी छोड़कर दिल्ली लौटे और आइएएस की तैयारी शुरू कर दी। वरिष्ठ पत्रकार पिता शैलेश अवस्थी ने बताया कि रोजाना 12 घंटे की पढ़ाई के बाद शिवांश को पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई। शिवांश ने आइएएस के साथ ही कैट की परीक्षा भी दी थी, जिसमें उसे आइआइएम बेंगलुरु व आइआइएम लखनऊ से कॉल आई है।

तैयारी करते समय बिल्कुल न घबराएं

यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2018 में 152वीं रैंक हासिल करने वाली रतनलाल नगर निवासी जसलीन कौर ने कहा कि जब आप आइएएस परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं, तो बहुत अधिक किताबें, पाठ्यक्रम आदि देखकर घबराना नहीं चाहिए। केवल अपनी ठोस तैयारी पर फोकस करें। बताया कि उन्हें दूसरे प्रयास में सफलता मिली। परिणाम देखने के बाद सबसे पहले घर पर पापा भूपिंदर पाल सिंह व मम्मी हरमीत कौर से बात की। जसलीन ने कहा कि वैसे तो उन्होंने छह से आठ घंटे की औसतन पढ़ाई की, पर परीक्षा से पहले 12 से 14 घंटे तक रोजाना पढ़ा। उन्होंने कहा कि किसी भी काम को करने से कभी डरना नहीं चाहिए। कोशिश जरूर करनी चाहिए, सफलता और असफलता मिलना अपनी-अपनी जगह पर है।

आइपीएस सूरज हैदराबाद में कर रहे ट्रेनिंग

नौबस्ता हंसपुरम् निवासी आइपीएस सूरज पटेल ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2018 में 70वीं रैंक हासिल की। सूरज मौजूदा समय में हैदराबाद स्थित अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनकी पत्नी तृप्ति सचान शिक्षिका हैं।

घंटे तय न करें, तन्मयता से पढ़ें

नेवला आजमगढ़ निवासी आयुषी सिंह ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2018 में 86वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हमें आइएएस की तैयारी के लिए समय निश्चित करके ही पढ़ाई करनी चाहिए। जब मन हो, जितनी देर तक तन्मयता से पढ़ सकें, उतना पढऩा चाहिए। साक्षात्कार के बजाए लिखित परीक्षा पर अधिक फोकस होना चाहिए। ïआयुषी जब कक्षा तीन में थीं, तब से वह आइटी चौराहा लखनऊ में रह रही हैं। कानपुर में आकर उन्होंने साक्षात्कार के लिए एक कोचिंग में दाखिला लिया था। आयुषी के पिता जयप्रकाश सिंह सीतापुर में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हैं और मां पुष्पा सिंह गृहणी हैं।

पांच आइआइटीयंस भी चयनित

परीक्षा में पांच आइआइटीयंस भी चयनित हुए हैं। इनमें चाहत वाजपेयी ने 58 वीं रैंक हासिल की। इसके अलावा शिवांश अवस्थी, मिताली चंद्रा, पलाश कटियार, आकाश व अभिषेक सर्राफ भी परीक्षा में सफल हुए हैं।


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