दीपावली के प्रदूषण से मुक्ति दे सकते हैं ये खास पौधे, जानें क्या है इनकी खासियत Kanpur News
लंबी आयु और निरोगी काया का कामना के साथ इस वर्ष दीपावली पर एक पौधा लगाने का संकल्प लें।
कानपुर, जेएनएन। दीपावली आते ही पूरे देश में पटाखों को लेकर बड़ी बहस शुरू हो जाती है। पर्यावरण प्रेमी पटाखे फोडऩे पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं, वहीं दूसरा वर्ग इसे धार्मिक आजादी से जोड़कर देखता है। मगर, एक बात तो सौ फीसद सच है कि दीपावली में आतिशबाजी होगी तो धुआं-धमाके से वातावरण प्रदूषित होगा और ये हमारे ही स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा। ऐसे में जरूरी है कि इससे बचने के रास्ते खोजें। प्रदूषण के इस घाव को हरियाली के मरहम से ही भरा जा सकता है। पेड़-पौधे हमें प्रदूषण से बचाव के लिए कवच का भी काम करते हैं। इसलिए, संकल्प लें कि दीपावली पर एक पौधा लगाकर देखभाल भी करेंगे। आइए आपको बताते हैं प्रदूषण सोखने वाले कौन से पेड़-पौधे बेहद उपयोगी हैं...।
घर और गमलों में लगाएं पौधे
पर्यावरण में तमाम ऐसे पेड़-पौधे हैं जो जहरीली गैसों को सोखने की क्षमता रखते हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध में भी यह बात स्पष्ट हो चुकी है। प्रदूषण का विष पीकर 24 घंटे आक्सीजन रूपी अमृत देने पेड़-पौधे हमें प्रदूषण के बड़े खतरे से बचा सकते हैं। इन्हें घर में गमलों भी लगाया जा सकता है और किसी भी नर्सरी से खरीदा जा सकता है। सीएसए विवि में जंतु विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रो. सुनीता आर्या कहते हैं कि पीपल, बरगद, अर्जुन, नीम समेत कई ऐसे पेड़ हैं, जो प्रदूषण को सोखते हैं। हमें अधिक से अधिक पौधे रोपने चाहिए, ताकि प्रदूषण कम हो सके।
वातावरण में मौजूद हानिकारक गैसें
- कोयला व वाहनों में जलने वाले ईंधन से सल्फर डाई ऑक्साइड निकलती है।
- उच्च तापमान पर दहन से नाइट्रोजन ऑक्साइड व नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड निकलती है।
- प्राकृतिक गैस कोयला व लकड़ी जलने से कार्बन ऑक्साइड वातावरण में घुलती है।
ये हैं प्रदूषण सोखने वाले पेड़
जामुन : इसका वैज्ञानिक सीजीजियम क्यूमिनी है। यह एक सदाबहार पौधा है, मधुमेह के उपचार में काम आने के साथ ही यह प्रदूषण रोकने में काफी मददगार है।
बरगद : इसका वैज्ञानिक नाम फिकस बेनघालेंसिस है। इस पेड़ की उम्र काफी लंबी होती है और यह प्रदूषण को सोखकर जीवनदायिनी आक्सीजन देता है।
पीपल : वैज्ञानिक नाम फाइकस रेलीजियोसा वाला पीपल दीर्घायु होता है।प्राण वायु देने वाले इस पेड़ को पूजा जाता है।
गूलर : इसका वैज्ञानिक फिकस रेसमोसा है। यह भी एक बड़े आकार का पौधा होता है। इसकी छाल को औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है और यह पेड़ आसपास के काफी बड़े क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने की सामथ्र्य रखता है।
एलोवरा : एलोवेरा औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है। यह मधुमेह के इलाज में बहुत उपयोगी है। यह रक्त शुद्धि के साथ ही वायु शुद्धि में भी कारगर है।
केसिया सियामिया : इसका वैज्ञानिक नाम सिनैमोममं कैसिया ब्लूम है। इसे औषधीय पौधा भी कहा जाता है। इसका उपयोग घरों में उपयोग किए जाने वाले मसाले तैयार करने में होता है। प्रदूषण समाप्त करना भी इसका बड़ा गुण है।
जरबेरा : गार्डन की शोभा बढ़ाने के लिए औरेंज जरबेरा लगाया जाता है। यह पौधा 24 घंटे ऑक्सीजन देता है।
आर्किड: इसका वैज्ञानिक नाम ऑर्किड है। इस पौधे के फूल बहुत सुंदर होते हैं। यह भारत में हिमालय, खासी-जयंती पर्वत, नीलगिरि पर्वत पर होते हैं। यह भी दिन भर ऑक्सीजन देने वाला पौधा होता है।