जानिए-कानपुर में क्या होंगे मेट्रो में सफर के नियम, 20 मिनट से ज्यादा स्टेशन पर रुके तो लगेगा जुर्माना
कानपुर शहर में जैसे जैसे मेट्रो का कार्य तेजी पकड़ चुका है वैसे ही प्रबंधन ने अब यात्रियों के लिए सफर के नियम भी बना दिए हैं। इन नियमों का प्रचार करने के साथ ही स्टेशन पर यात्री सुविधाओं पर भी जोर दिया जा रहा है।
कानपुर, जेएनएन। मेट्रो के एयर कंडीशन स्टेशनों पर सिर्फ मस्ती के लिए समय काटना भारी पड़ेगा। टोकन लेने के बाद एक निश्चित समय के भीतर यदि स्टेशन से बाहर नहीं निकले तो गेट नहीं खुलेंगे और उसके बाद मेट्रो प्रबंधन जुर्माना भी लगा सकता है। यह जुर्माना 10 रुपये प्रति घंटे होगा। इससे एक बार टोकन लेकर दिनभर मेट्रो की यात्रा नहीं की जा सकेगी।
मेट्रो की सुविधाओं को दुरुपयोग ना हो, इसके लिए मेट्रो अपने नियमों का प्रचार उसके शुरू होने के साथ ही शुरू कर देगा ताकि यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो। लखनऊ और कानपुर की मेट्रो में काफी कुछ एक जैसा ही है। शुरुआत में वहां भी नौ स्टेशन थे और बाद में 23 किलोमीटर के स्पैन में 21 स्टेशन हुए। यह स्थिति यहां है। पहले कारीडोर में नौ स्टेशन रहेंगे और बाद में आइआइटी से नौबस्ता तक 21 स्टेशन होंगे। इसलिए अधिकारियों का मानना है कि कानपुर के नियम भी काफी कुछ लखनऊ की तरह ही होंगे।
टोकन लेने के बाद यात्रियों को उसी स्टेशन पर 20 मिनट से ज्यादा रुकने की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद उसी स्टेशन से बाहर निकलने पर उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। इसी तरह यदि कोई यात्री किसी स्टेशन पर उतरने के बाद भी वहां स्टेशन के बाहर नहीं निकलता है तो उस पर भी जुर्माना हो सकता है। यह समय सीमा 90 मिनट की है। इससे कम समय में आइआइटी से नौबस्ता तक की यात्रा पूरी हो जाएगी। यह जुर्माना 10 रुपये प्रति घंटे है।
प्रवेश व निकासी में मिस मैच
अगर किसी यात्री ने प्रवेश के दौरान किसी यात्री के ठीक पीछे चलते हुए बिना इलेक्ट्रानिक गेट पर टोकन टच किए स्टेशन में प्रवेश कर लिया तो जिस स्टेशन पर वह ट्रेन से उतरेगा, वहां उसके टोकन से गेट नहीं खुलेगा। ऐसी स्थिति में उस पर 60 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
तय स्टेशन से आगे
यात्री ने जिस स्टेशन के लिए टिकट लिया है और वह उस स्टेशन पर नहीं उतरता और आगे किसी स्टेशन पर उतरता है तो भी वहां गेट उसके लिए नहीं खुलेगा। ऐसी स्थिति में उसने जितने स्टेशन आगे की यात्रा की है, उतना शुल्क वसूला जाएगा। इसमें जुर्माने की व्यवस्था ना करने की योजना बन रही है।