देश में 25 लाख, विदेश में सवा करोड़ की बिकती है किडनी
देश के हर राज्य के बड़े अस्पताल के बाहर किडनी गिरोह का सदस्य मौजूद रहता है। इस रैकेट में न केवल डॉक्टर, बल्कि उनके कंपाउंडर और कुछ मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : तीमारदारों की भावनाओं व मजबूरी का फायदा उठाने वाले किडनी कारोबार से जुड़े माफिया की जडें उत्तर और पूर्वी भारत के राज्यों ही नहीं, बल्कि श्रीलंका और टर्की तक में फैली हुई हैं। देश के हर किडनी अस्पताल के बाहर इनके एजेंट अपना नेटवर्क बनाए हुए हैं और हर राज्य में सिस्टम चलाने के लिए एक सरगना है। इस रैकेट में न केवल डॉक्टर, बल्कि उनके कंपाउंडर और कुछ मेडिकल स्टोर संचालक भी शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि दिल्ली में चलता फिरता किडनी क्लीनिक चलाने वाला किडनी माफिया डॉ. केतन कौशिक देश ही नहीं विदेश में भी बड़े पैमाने पर किडनी और लिवर की सप्लाई करता है। श्रीलंका और टर्की के मरीजों में ट्रांसप्लांट कराए जाने का मामला सामने आया है। इसके अलावा केतन देश के अधिकतर किडनी अस्पताल में अपनी दखल रखता था। इसका खुलासा बर्रा में पकड़े गए एजेंट गौरव मिश्र और डोनर वरदान ने किया। इसके अनुसार डॉ. कौशिक दिल्ली के मेट्रो स्टेशन से अपना चलता फिरता क्लीनिक संचालित करता है। यहीं से विदेशों में मरीजों की हालत के हिसाब से सौदा करता था।
टूरिस्ट वीजा से डोनर जाते, एयर एंबुलेंस से मरीज आते
डोनर को विदेश भेजकर किडनी प्रत्यारोपित करवाने के लिए केतन कौशिक मरीज से एक से सवा करोड़ रुपये लेता था। अगर विदेशी मरीज को देश बुलाकर किडनी ट्रांसप्लांट करवाता था तो 75 लाख रुपये वसूल करता था। डोनर को टूरिस्ट वीजा से विदेश भेजा जाता था। जबकि विदेशी मरीज एयर एंबुलेंस से लाए जाते थे।
मुरादाबाद, दिल्ली और पंजाब में पकड़े जा चुके डॉक्टर व माफिया
2008 में मुरादाबाद के एक शख्स की किडनी फर्जी कागजात के आधार पर ट्रांसप्लांट करने के एक मामले में डाक्टर समेत तीन को जेल भेजा गया। वहीं मुख्य आरोपित डाक्टर नेपाल से गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद वर्ष 2015 में पंजाब के जालंधर में भी किडनी की खरीद-फरोख्त का खुलासा हुआ था। तब चार आरोपित जेल भेजे गए थे। एक नामी अस्पताल के दो डाक्टरों समेत कुल 23 लोगों के खिलाफ चार्जशीट लगाई थी। वर्ष 2016 में दिल्ली में भी किडनी रैकेट का खुलासा कर पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
2016 में अपोलो कांड में पकड़ा जा चुका है टी रामजकुमार
जालंधर किडनी कांड में पुलिस ने जुनैद खान, सबूर अहमद, वरदान चंद्र और कुलदीप को पकड़ा था। जबकि दिल्ली में अपोलो मामले में पुलिस ने शैलेश सक्सेना, टी राजकुमार राव और कानपुर के सत्यप्रकाश समेत छह को जेल भेजा था। इसमें शैलेश वहीं काम करता था।
पुराने मामलों की फाइल भी खंगाल रही पुलिस
किडनी की खरीद-फरोख्त कर रहा गिरोह पूर्वी व उत्तर भारत के राज्यों में गरीब परिवारों को अपने जाल में फंसा रहा है। रैकेट अब तक कई लोगों की किडनी वह बेच चुके हैं। कानपुर पुलिस ऐसे पुराने मामलों के विवेचकों से भी संपर्क कर रही है ताकि अधिक से अधिक सुराग हाथ लग सके।