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जिंदगी की जंग हार गई केजीएमयू की जूनियर डॉक्टर मनीषा

व्यापमं का घोटाले में आया था नाम, शनिवार रात बेहोशी के इंजेक्शन की हाई डोज लगा ली थी, परिवारीजन ने सीनियर डाक्टर पर करायाप्रताड़ना का मुकदमा

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 01:47 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 01:47 AM (IST)
जिंदगी की जंग हार गई केजीएमयू की जूनियर डॉक्टर मनीषा
जिंदगी की जंग हार गई केजीएमयू की जूनियर डॉक्टर मनीषा

जेएनएन, कानपुर : केजीएमयू की जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा ने सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। शनिवार रात करीब आठ बजे बुद्धा हॉस्टल में उसने बेहोशी में दिए जाने वाले इंजेक्शन वेक्यूरेनियम की हाईडोज लगा ली थी। उसे ट्रामा सेंटर की वेंटीलेटर यूनिट में भर्ती किया गया था। मनीषा का नाम व्यापमं घोटाले में आया था। जमानत के बाद उसने कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में केजीएमयू में दाखिला लिया था।

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कल्याणपुर के मसवानपुर निवासी रमेश चंद्र विद्यार्थी की बेटी मनीषा केजीएमयू के क्वीन मैरी अस्पताल में एमएस अंतिम वर्ष की छात्रा थी। बड़ी बहन दीपा शर्मा यूरो सर्जरी विभाग के सीनियर रेजीडेंट डॉ. उधम सिंह पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से बहन की मौत हो गई। कहा, कि सीनियर ने मुझे फोन करके बताया कि मनीषा से उनकी कहासुनी हुई है, जिसका कॉल रिकॉर्ड है। इसके बाद बहन ने यह कदम उठा लिया। आरोप है, डॉ. उधम उनकी बहन से छेड़छाड़ करता था। दीपा ने डॉ. उधम सिंह के खिलाफ वजीरगंज थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया है। सोमवार शाम पोस्टमार्टम कर शव घर वालों को सौंप दिया गया। पिता ने बताया कि मंगलवार से बेटी की परीक्षा शुरू होनी थी और 15 दिन बाद वह एमएस की डिग्री हासिल कर लेती। इधर घटना की जानकारी पर आसपास के लोग उनसे मिलने कल्याणपुर स्थित आवास पहुंचे लेकिन, वहां सन्नाटा मिला।

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बिसरा सुरक्षित रखा गया

केजीएमयू प्रशासन के अनुसार डॉ. मनीषा ने वेक्यूरेनियम की हाईडोज ली थी। इसे लगाने के बाद अगर मौत हो तो 45 मिनट के अंदर पोस्टमार्टम में प्वाइजन की पुष्टि होती है। शनिवार रात आठ बजे मनीषा ने इंजेक्शन लगाया और सोमवार को दोपहर 1:30 बजे मौत हुई। पोस्टमार्टम में प्वाइजन नहीं आया, इसलिए बिसरा सुरक्षित रखा गया है।

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पिता ने आरोपित को लताड़ा, बोले- मुझे नहीं बता पाए शादी की बात

आरोपित डॉ. उधम सिंह का सामना प्रॉक्टर कार्यालय में डॉ. मनीषा शर्मा की बहन व पिता से करवाया गया। पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी ने कहा कि अगर तुम दोनों की शादी की बात हुई थी तो न तो मुझे मनीषा ने बताया और न तुमने। आखिर दोनों के माता-पिता की सहमति से शादी होती। आखिर मेरे बजाए मेरी बड़ी बेटी को फोन क्यों किया। पिता ने कहा कि उनकी बेटी की मौत व्यापमं मामले को लेकर नहीं हुई है। अगर व्यापमं में वह दोषी होती तो केजीएमयू प्रशासन दाखिला नहीं लेता। उन्होंने आरोपित डॉ. उधम सिंह की डिग्री निलंबित करने की मांग की है।

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2015 में व्यापमं घोटाले में आया था नाम

डॉ. मनीषा शर्मा की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मनीषा का नाम व्यापमं घोटाले में वर्ष 2015 में आया था। उस पर वर्ष 2008-09 में दो छात्राओं के नाम पर मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की परीक्षा देने का आरोप था। आत्महत्या को लेकर पुलिस भी अलर्ट हो गई है। मनीषा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमबीबीएस किया था। व्यापमं घोटाले की जांच के दौरान स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ने ग्वालियर से मनीषा को गिरफ्तार किया था। वह छह माह तक मध्य प्रदेश की जेल में थी। बाद में हाईकोर्ट ने मनीषा की जमानत मंजूर कर दी थी। मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

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पुलिस ने सील किया कमरा

वजीरगंज पुलिस ने केजीएमयू के डी ब्लॉक स्थित बुद्धा छात्रावास में मनीषा के कमरा नंबर 309 को सील कर दिया। सीओ चौक डीपी तिवारी के मुताबिक मनीषा का मोबाइल फोन जब्त किया गया है। परिजन के आरोपों की जांच हो रही है। मनीषा का कमरा खुलने के बाद कई सवालों के जवाब मिलेंगे। सुसाइड नोट की तलाश की जाएगी।


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