कानपुर में बस रही टाउनशिप पर नहीं पड़ रही केडीए अफसरों की नजर, पढ़िए - क्या है पूरा माजरा
कल्याणपुर क्षेत्र में हाईवे किनारे बस रही टाउनशिप पर केडीए अफसरों की नजर नहीं। ग्राम समाज अरबन सीलिंग के साथ ही परती चकरोड और नाला की जमीन भी कब्जे में। बिल्डरों ने अर्जित होने वाली जमीन में से पचास फीसद किसानों से खरीदकर बेच दी है।
कानपुर, जेएनएन। कल्याणपुर में हाईवे के पास एक बिल्डर ने केडीए की करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन टाउनशिप में कैद कर ली है। बिल्डर ने केडीए की जमीन के साथ चकरोड, नाला, परती और अरबन सीलिंग की जमीन के आसपास भी किसानों से भूमि खरीद ली है। बाउंड्रीवाल बनाकर सरकारी जमीन को अंदर कैद कर लिया है। केडीए अफसर अंजान हैं और अभियंता बिल्डर से व्यावसायिक दोस्ती निभा रहे हैं। धड़ल्ले से बिना लेआउट प्लाटिंग हो रही है। नाले की जमीन घेर लेने से जल निकासी भी नहीं हो पा रही है।
जमीन का परीक्षण करते ही खुलेगा खेल
कल्याणपुर से नारामऊ जाने वाले रास्ते में नारामऊ बांगर और कछार के बीच टाउनशिप पड़ती है। बिल्डर ने दोनों ग्राम के बीच में सरकारी जमीन के आसपास किसानों की जमीन खरीद ली है। इससे सरकारी जमीन बाउंड्रीवाल के घेरे में आ गई है। बिना लेआउट प्लाटिंग कर इसे भी बेचा जा रहा है। केडीए अभियंता उपकृत होकर शांत बैठे हैं। अगर एक बार भी टाउनशिप की जमीन का परीक्षण कर लें तो पोल खुल जाएगी। जो जमीन कब्जाई गई है, उसमें चक रोड और नाला की भी जमीन शामिल है। यही हाल कल्याणपुर से सिंहपुर और सिंहपुर से कछार के बीच है। केडीए न्यू कानपुर सिटी बसाने में जुटा है, जबकि बिल्डरों ने अर्जित होने वाली जमीन में से पचास फीसद किसानों से खरीदकर बेच दी है। उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने अवैध बन रही टाउनशिप के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि एक-एक टाउनशिप का परीक्षण कराया जाएगा।