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ओ ब्लाक सब्जी मंडी में केडीए ने चिह्नित की जमीन

केडीए अरबों रुपये की जमीन खाली कराने की कवायद में जुट गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 01:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 01:43 AM (IST)
ओ ब्लाक सब्जी मंडी में केडीए ने चिह्नित की जमीन
ओ ब्लाक सब्जी मंडी में केडीए ने चिह्नित की जमीन

जागरण संवाददाता, कानपुर : न्यू कानपुर सिटी में अपनी जमीन खाली कराने के बाद अब केडीए ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवई नगर में कब्जेदारों से अरबों रुपये की जमीन खाली कराने में जुट गया है। केडीए की चार सदस्यीय टीम ने सोमवार को योजना के लेआउट के नक्शे के आधार पर अपनी खाली जमीन को चिह्नित किया। प्राधिकरण की ठेला पार्किंग की 18 हजार वर्ग मीटर जमीन पर लोगों ने अवैध निर्माण करके किराए पर उठा रखा है। इसके पहले भी कई बार केडीए का दस्ता कब्जा गिराने जा चुका है, लेकिन फोर्स न मिलने से वापस लौट आया।

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उपाध्यक्ष अरविद सिंह के आदेश पर जोन चार के अधिशासी अभियंता अजय पवार, सहायक अभियंता आरके पांडेय, अवर अभियंता संजय गुप्ता, सुपरवाइजर पंचदेव की टीम सोमवार को ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर पहुंची। टीम ने योजना के दस्तावेजों के आधार पर खाली जमीन को देखा। यहां पर केडीए की 150 वर्गमीटर और 36 वर्गमीटर के भूखंड कागज में खाली पड़े हैं, लेकिन मौके पर कब्जे हैं। 18 हजार वर्ग मीटर ठेला पार्किंग की जगह पर भी कब्जा है। जमीन को किराए पर उठाकर कब्जेदार लाखों रुपये आय कर रहे हैं। कई भूखंड ऐसे हैं, जिनका कोई लेखा जोखा नहीं है। दैनिक जागरण की टीम पिछले कई माह से ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर में अरबों रुपये की जमीन का मामला उठा रहा है। जमीन खाली हो जाए तो भूखंड काटकर प्राधिकरण आय कर सकता है। साथ ही साउथ सिटी के लोगों को आवास के लिए भूखंड मिल जाएंगे।

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वर्ष 1978 में बसी थी योजना

केडीए ने वर्ष 1978 में ओ ब्लाक किदवईनगर में स्थित 36 एकड़ में जमीन पर सब्जी मंडी बसाई थी। वर्ष 2003 में सब्जी मंडी को चकरपुर स्थानांतरित कर दिया गया इसके बाद केडीए ने वर्ष 2008 को क्षेत्र को आवासीय घोषित कर दिया, लेकिन जमीन कब्जेदारों से नहीं खाली कराई। लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर रजिस्ट्री भी कर दी।

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कल्याणपुर से सिंहपुर रोड पर फिर शुरू हो गए निर्माण

कल्याणपुर से सिंहपुर रोड पर फिर चोरी छिपे भूखंड बेचने का खेल फिर शुरू हो गया है। साथ ही अवैध निर्माण भी हो रहे है। न्यू कानपुर सिटी क्षेत्र होने के कारण अक्टूबर वर्ष 2017 से नक्शा स्वीकृति पर रोक लगी है। उपाध्यक्ष के आदेश पर अक्टूबर माह में कई अवैध टाउनशिप गिराई गई है। सड़क से पीछे स्थित जमीन पर कुछ बिल्डर चोरी छिपे प्लाटिग करके जमीन बेचने में लगे हैं। उपाध्यक्ष अरविद सिंह ने आदेश दिए हैं कि बिना लेआउट और नक्शे के कोई निर्माण न होने दिया जाए।


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