Move to Jagran APP

Republic Day Kanpur Special: तिलक हाल में कवि सम्मेलन कराता था प्रशासन, फिर 1967 से क्यों टूटी परंपरा

तिलक हाल के कवि सम्मेलन में बालकृष्ण शर्मा छैल बिहारी दीक्षित जैसे कई दिग्गज कवि शिरकत करते थे। यहां दूसरे दिन जुलूस निकलता था और अगले दिन कांग्रेसी बैठक करते थे। बाद में फूलबाग में आयोजन शुरू हो गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 10:52 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 05:35 PM (IST)
Republic Day Kanpur Special: तिलक हाल में कवि सम्मेलन कराता था प्रशासन, फिर 1967 से क्यों टूटी परंपरा
इतिहास के झरोखे में गणतंत्र दिवस के आयोजन।

कानपुर, [आलोक शर्मा]। शहर में गणतंत्र दिवस समारोह कभी तीन दिन तक मनाया जाता था। आगाज पूर्व संध्या पर तिलक हाल में कवि सम्मेलन से होता था। ओज और हास्य की कविताओं का दौर देर रात तक चलता था। खास बात ये थी कि इसका आयोजन जिला प्रशासन कराता था। दूसरे दिन गणतंत्र दिवस पर जुलूस निकलता था। तीसरे दिन तिलक हाल में कांग्रेसी बैठक करते थे। इस दौरान पूरे शहर में देशभक्ति के गीत गूंजते रहते थे।

loksabha election banner

देश में गणतंत्र की घोषणा के साथ ही शहर के मेस्टन रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय तिलक हाल में 25 जनवरी 1950 को पहली बार कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ था। कार्यक्रम जरूर तिलक हाल में था, लेकिन व्यवस्थाएं प्रशासन ने की थीं। बालकृष्ण शर्मा नवीन, छैल बिहारी दीक्षित कंटक, दयाशंकर दीक्षित 'देहाती जी', सनेही जी जैसे नामचीन कवियों को सुनने के लिए तिलक हाल खचाखच भर गया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शंकरदत्त मिश्र बताते हैं, तब कवियों को सुनने के लिए आने वाले दूसरे दिन जुलूस में भी शामिल होते थे। 1967 में कांग्रेस की आपसी कलह से यह सिलसिला टूट गया। हालांकि, अगले साल फूलबाग में कवि सम्मेलन हुआ। इसके बाद से वो भी बंद हो गया।

ये मुख्यमंत्री हुए थे शामिल

शंकरदत्त बताते हैं कि फूलबाग के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोङ्क्षवद वल्लभ पंत, डॉ. संपूर्णानंद, चंद्रभान गुप्ता, हेमवती नंदन बहुगुणा, नारायणदत्त तिवारी, सुचेता कृपलानी, वीर बहादुर ङ्क्षसह, वीपी सिंह आए। नारायणदत्त तिवारी कई बार शामिल हुए थे।

अभी तक उसी रूट पर निकलता जुलूस

प्रशासन ने जुलूस का रूट मेस्टन रोड से मूलगंज, बादशाहीनाका, कलक्टरगंज, शक्करपट्टी, नयागंज, बिरहाना रोड से होकर फूलबाग तक का तय किया था। अभी तक उसी रूट पर जुलूस निकल रहा है। अब समापन फूलबाग की बजाय नानाराव पार्क में होता है, जहां सभा होती है। अब जुलूस का स्वरूप छोटा गया है। पहले हर वार्ड से वार्ड अध्यक्ष जुलूस के साथ तिलक हाल पहुंचते थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.