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Kartik Poornima in Kanpur: श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पिछले वर्ष की अपेक्षा 30 प्रतिशत ने किया पूजन

गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के वाहन दो किलोमीटर पहले से ही रोक दिए गए मंधना से आने वाले वाहन साईं मंदिर के पास और कल्याणपुर से आने वाले वाहन नदी के पहले ही रोक लिए गए। स दिन दान और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।

By ShaswatgEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 05:17 PM (IST)
Kartik Poornima in Kanpur: श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पिछले वर्ष की अपेक्षा 30 प्रतिशत ने किया पूजन
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा नदी में स्नान करते हुए श्रद्धालु।

कानपुर, जेएनएन। कार्तिक पूर्णिमा  के अवसर पर सोमवार को  बिठूर के घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्योदय से पहले पुण्य की डुबकी लगाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक और पूजन किया। हालाकि इस दौरान लोगों को जमकर कोविड गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए देखा गया। 

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ब्रह्मावर्त घाट महराज घाट पत्थर घाट पर सुबह भोर पहर से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया थ। सुबह 8 बजे तक हजारों श्रद्धालुओं ने ठंड होने के बावजूद स्नान किया। यदि पिछले वर्षों की अपेक्षा तुलना की जाए तो इस वर्ष 20 से 30 प्रतिशत लोगों को ही देखा जा सका। श्रद्धालुओं ने स्नान के उपरांत ब्रह्मा खुटी ब्रम्हेश्वर मंदिर और महाकालेश्वर मंदिर में पूजन किया। 

दो किलोमीटर पहले से रोके गए वाहन 

गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के वाहन दो किलोमीटर पहले से ही रोक दिए गए मंधना से आने वाले वाहन साईं मंदिर के पास और कल्याणपुर से आने वाले वाहन नदी के पहले ही रोक लिए गए जबकि चौबेपुर से आने वाले वाहनों को शनिदेव चौराहा के पास रोक दिया गया उन्नाव से आने वाले श्रद्धालुओं को परियल पुल के पास रोककर वाहन खड़े कराए गए लेकिन जब भीड़ अधिक नहीं हुई तो मंधना से आने वाले वाहनों को चुंगी चौराहे तक जाने दिया गया

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक मास की पूर्णिमा हिंदू धर्म के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। पुराणों में भी कार्तिक मास की पूर्णिमा का महत्व बताया गया है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गरीबों को भोजन दान अवश्य करने चाहिए, इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 

घाटों पर गंदगी का अंबार

निर्मल गंगा व स्वच्छता के लिए लाख जागरूक करने के बाबजूद श्रद्धालु गंगा के किनारे घाटों पर गंदगी फैला दी  घाटों पर फूल माला मूॢतया प्लास्टिक से गंदगी में ही श्रद्धालु पूजा पाठ करते रहे। 


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