कानपुर चिड़ियाघर में वन्यजीवों का होगा डिजीटल एक्सरे, अब बाड़े में ही हो सकेगा इलाज
डिजीटल एक्सरे मशीन से वन्यजीवों के बाड़ोंं में जाकर उनका इलाज किया जा सकेगा। जबकि अभी किसी वन्यजीव का एक्सरे करने के लिए उसे अस्पताल तक लाना मजबूरी रहती थी। उन्होंने कहा दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक मशीन खरीद लेंगे।
कानपुर, जागरण संवाददाता। अक्सर ही हम सुनते हैं, कि इलाज के अभाव में व संसाधानों की उपलब्धता न होने के चलते प्राणिउद्यान में वन्यजीव दम तोड़ देते हैं। चिकित्सक वन्यजीवों का इलाज तो करते हैं, लेकिन आधुनिक संसाधनों की कमी की वजह से वह उन्हें नहीं बचा पाते। हालांकि, अब ऐसा नहीं होगा। वन्यजीवों का इलाज बेहतर ढंग से हो सके, इसके लिए शासन ने डिजीटल एक्सरे मशीन खरीदने के लिए 10 लाख रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है। अभी तक चिडिय़ाघर में यह सुविधा मौजूद नहीं थी। चिकित्सक आरके द्विवेदी ने बताया कि डिजीटल एक्सरे मशीन से वन्यजीवों के बाड़ोंं में जाकर उनका इलाज किया जा सकेगा। जबकि अभी किसी वन्यजीव का एक्सरे करने के लिए उसे अस्पताल तक लाना मजबूरी रहती थी। उन्होंने कहा, दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक मशीन खरीद लेंगे।
सोनभद्र से आए तेंदुआ ने तोड़ा दम: कुछ दिनों पहले जू में सोनभद्र से रेस्क्यू कर दो वर्षीय तेंदुआ को लाया गया था। तेंदुआ बुरी तरह घायल था। उसकी आंखों, पैर समेत शरीर के अन्य हिस्सों में काफी चोटें आई थीं। जू के चिकित्सकों ने उसका इलाज तो किया, मगर तेंदुआ ने शुक्रवार देर रात दम तोड़ दिया था। चिकित्सकों का कहना था, कि तेंदुआ का इलाज तो किया गया, लेकिन वह बच नहीं सका।
वन्यजीवों का बदला खानपान, सर्दी से बचाव को लगे हीटर: चिडिय़ाघर में वन्यजीवों को सर्दी से बचाने के लिए जहां उनका खानपान बदला गया है, वहीं उनके बाड़ों में हीटर भी लगा दिए गए हैं। भालू को इस समय शहर और अंडा दिए जा रहे हैं, बंदर व पक्षियों को बादाम दिए जा रहे हैं, और शेर, बाघ, तेंदुआ समेत अन्य मांसाहारी जीवों की डाइट में मांस की मात्रा बढ़ा दी गई है। इसी तरह बाघ मल्लू, मालती, लव समेत कई अन्य वन्यजीवों के बाड़ों मेें हीटर लगा दिए गए हैं। पक्षियों के बाड़ों को मोटी बोरी से ढका गया है।