Move to Jagran APP

Kanpur Zila Panchayat Chunav Result: अनुशासन और एकजुटता बनी भाजपा की जीत का आधार

Kanpur Zila Panchayat Chunav Result अपनी रणनीति के चलते भाजपा नेता 27 वोट तक मिलने की बात कह रहे थे जिसमें उन्हें 25 वोट हासिल हो गए। निर्दलीयों के अलावा बसपा और निषाद पार्टी को तो उन्होंने पूरी तरह अपने साथ जोड़ लिया था।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sun, 04 Jul 2021 10:05 AM (IST)Updated: Sun, 04 Jul 2021 10:05 AM (IST)
Kanpur Zila Panchayat Chunav Result: अनुशासन और एकजुटता बनी भाजपा की जीत का आधार
भाजपा ने जिपं अध्यक्ष चुनाव में लहराया जीत का परचम। सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Kanpur Zila Panchayat Chunav Result: जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा का अनुशासन और उसकी एकजुटता ही जीत का आधार बनी। भाजपा ने जीत की ओर कदम तो नामांकन वाले दिन ही बढ़ा दिए थे, जब 16 जिला पंचायत सदस्यों के साथ स्वप्निल वरुण ने अध्यक्षी के लिए पर्चा भरा था। नामांकन के पहले तीन दिन तक कानपुर में रुकने वाले विजय बहादुर पाठक मतदान के एक दिन पहले फिर कानपुर पहुंच गए थे और कैसे वोट डालने जाना है, इसकी रणनीति खुद तैयार की।

loksabha election banner

जिला पंचायत चुनाव के बाद भाजपा में स्वप्निल वरुण और राजा दिवाकर दोनों ही टिकट मांग रहे थे। बिठूर विधायक अभिजीत सांगा तो अधिक सदस्यों का समर्थन होने का दावा कर राजा दिवाकर के पक्ष में थे। अंत समय तक प्रत्याशी तय न हो पाने पर संगठन ने प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को कानपुर जिला पंचायत चुनाव का प्रभारी बनाया। जहां वह संगठन की तरफ से प्रभारी थे, वहीं मंत्री के रूप में औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना को प्रभारी बनाया गया। नामांकन से पहले एक सप्ताह में दो बार विजय बहादुर पाठक का कानपुर में दौरा हुआ। पहली बार उन्होंने जमीनी हालात जाने और दूसरी बार नामांकन से दो दिन पहले कानपुर आ गए। बिठूर विधायक को समझा कर वह स्वप्निल के नाम पर सहमति बनाने में कामयाब भी रहे और तब ऐन नामांकन से पहले पार्टी प्रत्याशी का नाम घोषित हुआ। सांगा माने तो राजा दिवाकर खुद स्वप्निल के प्रस्तावक बन गए। प्रत्याशी तय हो जाने पर सांगा के साथ ही उपेंद्र पासवान, भगवती सागर, विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक को अपने अपने क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्यों से संपर्क कर उन्हें अपने पक्ष में करने को कहा गया। एक वोट की जिम्मेदारी सिर्फ एक पर नहीं डाली गई। एक-एक जिला पंचायत सदस्य को जहां विधायक ने फोन किया, वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी बात कर अपने से जुडऩे की बात कही। इन सबसे ऊपर विजय बहादुर पाठक खुद जिला पंचायत सदस्यों से फोन पर बात कर रहे थे।

शनिवार को मतदान के दिन भी सभी की तैनाती पहले से तय कर दी गई थी कि कौन कहां रहेगा। शुक्रवार देर रात तक बैठकों का दौर चला और विजय बहादुर पाठक खुद सदस्यों के साथ होटल में रुके। वहीं सुबह सब फिर एकजुट हो गए जिसमें सतीश महाना, अभिजीत सिंह सांगा, उपेंद्र पासवान, भगवती सागर, अरुण पाठक के साथ अंतिम चर्चा के बाद सभी सदस्यों को रवाना कर दिया गया। मतदान स्थल पर अभिजीत सिंह सांगा, उपेंद्र पासवान, भगवती सागर और अरुण पाठक को तब तक गेट के बाहर रहने के लिए कहा गया जब तक की भाजपा प्रत्याशी के साथ गए सभी सदस्य वोट डालकर बाहर ना आ जाएं। सदस्यों के बाहर आने पर सभी फिर होटल चले गए। अपनी इसी रणनीति के चलते भाजपा नेता 27 वोट तक मिलने की बात कह रहे थे जिसमें उन्हें 25 वोट हासिल हो गए। निर्दलीयों के अलावा बसपा और निषाद पार्टी को तो उन्होंने पूरी तरह अपने साथ जोड़ लिया था। इनके अलावा सपा में भी उन्होंने सेंध लगा दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.