Kanpur Weather Update: मैदानी क्षेत्रों की ओर बढ़ रही हवा, अगले दो से तीन दिन में झमाझम बारिश के आसार
Kanpur Weather Update मौसम विभाग रंगों के आधार पर अलर्ट जारी करता है। रेड अलर्ट में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की जाती है। इस अलर्ट के बाद खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है।
कानपुर, जेएनएन। Kanpur Weather Update अगले दो से तीन दिन में झमाझम बारिश के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी में मजबूत निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित हो गया है, जिससे वर्षा कराने वाली हवा तेजी से मैदानी क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 50 से 60 मिलीमीटर वर्षा का अनुमान है। लंबे इंतजार के बाद अब मानसून सक्रिय हो गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने फिर से तेजी पकड़ ली है। दो दिन से मौसम खुशनुमा बना हुआ है। अगले 72 घंटे में भारी बारिश का अनुमान है। मंगलवार के लिए पूर्वी राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए आरेंज अलर्ट और पश्चिमी उप्र, पश्चिमी और मध्य महाराष्ट्र, कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अन्य राज्यों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है।
रंगों के आधार पर जारी होते अलर्ट: मौसम विभाग रंगों के आधार पर अलर्ट जारी करता है। रेड अलर्ट में अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की जाती है। इस अलर्ट के बाद खतरे के जोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। आॅरेंज अलर्ट में मध्यम से भारी बारिश के लिए चेतावनी जारी की जाती है। इसका मतलब है कि अब आप को खराब मौसम के लिए तैयार रहने की जरूरत है। यलो अलर्ट में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी होती है।
अब तक कम हुई बारिश: सीएसए मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार देशभर में अब तक सामान्य के मुकाबले आठ फीसद कम बरसात हुई। पहली जून से 18 जुलाई तक औसतन 301.6 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि इस अवधि में 327.9 मिलीमीटर बारिश होती है। ज्यादातर कमी उत्तर भारत के राज्यों में हुई है। राजस्थान में 27, दिल्ली में 43, पंजाब में 35, उत्तर प्रदेश में 20 और हरियाणा में 22 फीसद कम वर्षा रिकार्ड हुई। मानसून की रेखा फिरोजपुर, नारनौल, दिल्ली, बरेली, गोरखपुर, पटना, मालदा से होते हुए नागालैंड की ओर जा रही है। एक ट्रफ महाराष्ट्र तट से कर्नाटक के तट तक फैली हुई है।
यहां बन रहा मौसमी सिस्टम:
- पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से और उससे सटे इलाके में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।
- एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र तटीय आंध्र प्रदेश के ऊपर सक्रिय है।
- असम के मध्य भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा गया है।
- एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर राजस्थान से तेलंगाना तक मध्य प्रदेश और विदर्भ से होती हुई गुजर रही है।