Move to Jagran APP

Kanpur Weather Update: गर्मी और उमस से अभी नहीं मिलेगी राहत, बारिश के लिए करना होगा होगा इंतजार

Kanpur Weather Forecast कम दबाव का क्षेत्र आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से बना हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 14 Jul 2021 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 14 Jul 2021 08:29 PM (IST)
Kanpur Weather Update: गर्मी और उमस से अभी नहीं मिलेगी राहत, बारिश के लिए करना होगा होगा इंतजार
कानपुर में मौसम की संभावित स्थिति दर्शाती प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Kanpur Weather Forecast मानसून के ब्रेक लगते ही गर्मी और उमस भी बढ़ने लगी है। बारिश कराने वाले सिस्टम कानपुर, लखनऊ, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, प्रयागराज, फतेहपुर, इटावा में कमजोर पड़ गए हैं। हालांकि अभी बारिश के लिए कुछ और दिन प्रतीक्षा करनी होगी। तापमान में उतार चढ़ाव की वजह से क्षेत्रीय चक्रवात विकसित होने की संभावना है, जिससे सामान्य से तेज वर्षा होगी। रविवार को यूपी के कुछ जिलों में हुई तेज बारिश के बाद से ही उमस काफी बढ़ गई थी। मौसम विज्ञानियों के पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाले दो दिनों में बारिश के आसार नहीं हैं। 

loksabha election banner

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने तीन जून को केरल में दस्तक दी थी। इस राज्य में इसके आगमन की सामान्य तारीख एक जून है। लेकिन, शीघ्र ही इसने देश के मध्य, पश्चिमी, पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों को 15 जून तक कवर कर लिया। यह उत्तर भारत के भी ज्यादातर इलाकों में पहुंच गया। हालांकि, पश्चिमी हवाओं जैसी कुछ प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब के कुछ इलाकों में इसका बढ़ना रुक गया था।

रंगों  के आधार पर बारिश का वर्गीकरण: सामान्य से 60 से 99 फीसद तक कम बारिश होने पर यलो जोन में रखा जाता है। 20 से 59 फीसद कम वर्षा होने पर रेड जोन कहलाता है। सामान्य बारिश यानि -19 फीसद से 19 फीसद तक यदि बरसात का आंकड़ा रहता है तो वह ग्रीन जोन में रहता है। जहां पर सामान्य 60 प्रतिशत से ऊपर बरसात हो जाती है उसको ब्लू जोन में रखा जाता है।

देश भर में बने मौसमी सिस्टम: कम दबाव का क्षेत्र आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट के पास पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से बना हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र औसत समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है। गुजरात और उत्तर पूर्व अरब सागर के ऊपर एक और कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। दक्षिण गुजरात और उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी विकसित हुआ है। एक ट्रफ रेखा दक्षिण गुजरात पर निम्न दबाव के क्षेत्र से लेकर उत्तर मध्य महाराष्ट्र, विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट से होती हुई बंगाल की खाड़ी पर निम्न दबाव के क्षेत्र तक फैली हुई है।

मौसम की संभावित गतिविधि: दक्षिण गुजरात के तटीय कर्नाटक, गोवा के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। उत्तर पूर्व भारत, सिक्किम,  पश्चिम बंगाल, तेलंगाना , दक्षिण छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तर प्रदेश की तलहटी, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दक्षिण मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, आंतरिक कर्नाटक और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। राजस्थान, मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों, उत्तरी छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और लक्षद्वीप में हल्की बारिश संभव है

देश भर में मानसून के पहुंचने का किया एलान: मौसम विभाग ने कहा, पिछले चार दिनों से बंगाल की खाड़ी से नमी वाली पुरवाई हवाओं के चलने से बादलों का दायरा बढ़ गया और कई स्थानों पर बारिश हुई। दक्षिण-पश्चिम मानसून आगे बढ़ गया है और दिल्ली, उत्तर प्रदेश के बाकी स्थानों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत देश के बाकी बचे हिस्सों तक पहुंच चुका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.