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Kanpur Weather Update: सताने लगी शीत लहर, इस सीजन अबतक की सबसे ठंडी रही रविवार की रात

पश्चिमी विक्षोभ और ला नीना के असर के कारण उत्तर भारत में शुष्क हवाओं का प्रवेश शुरू हो गया है। इससे न्यूनतम तापमान के आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार बन रहे हैं और दिन के तापमान में भी गिरावट तेजी से आ रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 08:15 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:15 AM (IST)
Kanpur Weather Update: सताने लगी शीत लहर, इस सीजन अबतक की सबसे ठंडी रही रविवार की रात
कानपुर में शीत लहर चलने से लोगों को ठंड का अहसास होने लगा है।

कानपुर, जेएनएन। इस सीजन में अबतक रविवार की रात सबसे ठंडी रात रही। पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही ला नीना के असर से उत्तर भारत में शुष्क हवा चल रही है। दिन-पर-दिन तापमान कम होने लगा है और दोपहर का पारा भी लगातार गिरता ही जा रहा है। सुबह और शाम के समय शीत लहर चलने से लोग भी ठंड का अहसास कर रहे है। अगले दो दिन के अंदर पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश होगी, जिसका असर मैदानी क्षेत्रों की ओर रहेगा।

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बढ़ेगा सर्दी का सितम

कैस्पियन सागर से सक्रिय हुआ पश्चिमी विक्षोभ सोमवार तक उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में प्रवेश कर जाएगा। ऐसे में पहाड़ों पर तेज बारिश और हिमपात हो सकता है। पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही ला नीना की वजह से आने वाली शुष्क हवा भी पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में पहुंच जाएगी। दोनों के मिलने से सर्दी का सितम और बढ़ेगा। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड की पर्वत मालाओं से टकराकर ठंडी हवा गंगा ओर यमुना के मैदानी क्षेत्रों में सर्दी बढ़ाएगी।

दो दिन बाद बढ़ेगा तापमान

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 23.4 और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। शाम के समय सर्दी और भी अधिक बढ़ गई है, जिससे सोमवार की सुबह तक पारा गिरकर आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। ला नीना की वजह से इस बार सर्दी अधिक पड़ेगी। रिकार्ड टूटने की संभावना है।

डॉ. पांडेय के मुताबिक दो दिन सर्दी के बाद तेज धूप निकलेगी। कुछ देर के लिए आसमान में बदली छाई रहेगी। ला नीना की वजह से कैस्पियन सागर ठंडा हो जाता है, जिससे शुष्क हवा इराक, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान से होते हुए भारत की ओर आती हैं। यहां हिमालय और अन्य पर्वताें से टकराकर बारिश व बर्फ के रूप में गिरती हैं।


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