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Kanpur Violence: कारनामों से भरा है करियर, विवादित दारोगा रहे हैं अनुराग सिंह

वाजिदपुर में सांप्रदायिक तनाव में लाइन हाजिर दारोगा पहले भी कई बार लाइन हाजिर हो चुके हैं लेकिन तैनाती रजिस्टर से रिकार्ड गायब है पूर्व एसएसपी अनंत देव के समय भी कार्रवाई हुई थी लेकिन दूसरे दिन ही चौकी में वापस लौट आए थे।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 07:45 AM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 07:45 AM (IST)
Kanpur Violence: कारनामों से भरा है करियर, विवादित दारोगा रहे हैं अनुराग सिंह
कानपुर पुलिस पर लगा एक और दाग।

कानपुर, जेएनएन। वाजिदपुर में सांप्रदायिक तनाव के बाद लाइन हाजिर किए गए जाजमऊ चौकी प्रभारी अनुराग सिंह बेहद विवादित दारोगा रहे हैं। दैनिक जागरण ने जब इनकी कुंडली खंगाली तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वह कई बार अनुशासनहीनता व अन्य गंभीर मामलों में लाइन हाजिर हो चुके हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि तैनाती रजिस्टर में अधिकांश सजा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं हैं। पूर्व एसएसपी अनंत देव के समय भी लाइन हाजिर होने के चंद घंटों बाद ही दोबारा उसी चौकी में तैनाती पाने का कारनामा भी कर चुके हैं।

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अनुराग सिंह ने कानपुर पुलिस में प्रशिक्षु दारोगा के रूप में सात नवंबर 2013 को अपनी आमद दर्ज कराई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक लाल बंगला चौकी में तैनाती के दौरान एक व्यापारी से जबरन वसूली व अभद्रता के आरोप में पहली बार निलंबित हुए। ऐसे ही दूसरे मामले में कुलगांव चौकी से लाइन हाजिर हुए। शिवगोदावरी और अहिरवां चौकी से भी यह लाइन हाजिर हुए।

सबसे बड़ा मामला पूर्व एसएसपी अनंत देव के समय का है। एक किशोरी के साथ मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद डीजीपी मुख्यालय ने कार्रवाई का निर्देश दिया तो इन्हें जाजमऊ चौकी से लाइन हाजिर कर दिया गया। इन्होंने लाइन में आमद भी करा ली, मगर न क्या हुआ कि पूर्व एसएसपी ने दो दिन बाद ही तैनाती दोबारा से जाजमऊ चौकी पर कर दी। तब से वह यहीं पर जमे थे। हालांकि विभाग के तैनाती रजिस्टर में केवल कुलगांव से इनके लाइन हाजिर का ब्यौरा दर्ज है। शेष रिकार्ड ही गायब है।

कानून व्यवस्था के नाम पर दो बड़े दाग भी दामन पर

अनुराग सिंह के दामन पर कानून व्यवस्था से जुड़े दो दाग भी हैं। सूत्रों का दावा है कि लाल बंगला में तैनाती के दौरान इनके ही मुख्य मुखबिर की हत्या कर दी गई थी जबकि जून में बसपा नेता पिंटू सेंगर की हत्या के बाद भी यह अपनी कुर्सी बचाने में सफल रहे थे।

इंटरनेट मीडिया पर वायरल दावा, बुकी से करीबी संबंध

वाजिदपुर घटना में 11 आरोपितों में एक आरोपित का भाई बड़ा बुकी है। सांप्रदायिक संघर्ष के बाद इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें दावा किया गया कि उक्त आरोपित के भाई से ही चौकी प्रभारी की नजदीकी है और इसी वजह से आरोपित पक्ष के हौसले बढ़े हुए थे। हालांकि, वायरल पोस्ट की सत्यता की पुष्टि दैनिक जागरण नहीं करता है।

  • अनुराग सिंह को अभी लाइन हाजिर किया गया है। करियर के दौरान इन्हें मिली सजा को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं। -डॉ. प्रीतिंदर सिंह, एसएसपी

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