कानपुर में भूमाफिया पर कसेगा शिकंजा, मुकदमों के दस्तावेज तैयार करने को केडीए में बनेगी कमेटी
कानपुर विकास प्राधिकरण में फर्जी दस्तावेजों से हड़पी गई भूमि को वापस पाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है और भूमाफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। अब केडीए में मुकदमों की दस्तावेज तैयार कराए जा रहे हैं।
कानपुर, जेएनएन। भूमाफिया द्वारा फर्जी अभिलेखों के जरिए हड़पी गई अपनी जमीनें वापस पाने के लिए केडीए ने प्रोफेशनल पार्टनरशिप (पीपी) माडल तैयार किया है। इसके तहत उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने विभिन्न न्यायालयों में चल रहे वादों से संबंधित अभिलेख तैयार किए जाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने के आदेश दिए हैं।
उपाध्यक्ष ने प्राधिकरण के विशेष अधिवक्ताओं व अफसरों के साथ केडीए में कार्यशाला का आयोजन किया। बैठक में उपाध्यक्ष ने कहा कि अभिलेखों की कमी के चलते अदालत में मामले लटके रहते हैं। अपनी जमीन को बचाने और प्रवर्तन विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई विधि संगत ढंग से न किए जाने के कारण सफलता नहीं मिल पाती है। वादों में समुचित अभिलेख प्रस्तुत न होने के कारण भी मुकदमा प्राधिकरण के विरूद्ध निर्णय हो जाते हैं।
कार्यशाला में उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आमंत्रित अधिवक्ता अभिनव कृष्ण श्रीवास्तव ने कहा कि अर्बन सीङ्क्षलग लैंड की जमीनों का प्राधिकरण एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त सर्वे किया जाना बहुत जरूरी है, विशेष कर ऐसी जगहों पर जहां प्राधिकरण की योजना प्रभावित हो रही है।
उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक माह में चतुर्थ शनिवार को प्राधिकरण में ही अधिवक्ताओं का शिविर लगाया जाए। जिससे कि उनके साथ महत्वपूर्ण प्रकरणों पर चर्चा की जा सके और न्यायालय में लम्बित वादों से सम्बन्धित पत्रावलियां और अभिलेख प्राप्त कर जवाब दावा तैयार किया जा सके। बैठक के पश्चात केडीए सचिव ने आदेश दिए कि जिला प्रशासन व राजस्व परिषद से फसली वर्ष 1348, 1356 एवं 1359 की मूल खतौनियों से संबंधित रिकार्ड की सत्य प्रतिलिपि प्राप्त कर प्राधिकरण में स्कैन कर के सुरक्षित रखा जाए। कार्यशाला में प्राधिकरण के सचिव, अपर सचिव, भूमि बैंक विभाग के प्रभारी अधिकारी, तहसीलदार अमीन, विधि अधिकारी आदि उपस्थित रहे।