KDA Fake Registry Case: फाइलों में गुम भूखंड खोजने के लिए केडीए बन रहा मास्टर डाटा
कानपुर विकास प्राधिकरण के डैस बोर्ड पर प्रत्येक आवासीय योजना की एक-एक संपत्ति का डाटा तैयार किया जाएगा । प्रत्येक आवासीय योजना में कितनी जगह है कितने भूखंड बिके और कितने की रजिस्ट्री हुई आदि का लेखाजोखा रहेगा।
कानपुर, जेएनएन। केडीए में चल रहे फर्जी रजिस्ट्री का खेल दैनिक जागरण द्वारा उजागर किए जाने के बाद आवासीय योजनाओं में दबे भूखंडों का पता लगाने के लिए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह मास्टर डाटा तैयार करवा रहे हैं। इसमें प्राधिकरण की सभी पूर्ववर्ती संस्थाओं द्वारा सृजित संपत्तियों का डाटा होगा। प्रत्येक आवासीय योजना में कितनी जगह है, कितने भूखंड बिके और कितने की रजिस्ट्री हुई आदि का लेखाजोखा रहेगा। मास्टर डाटा तैयार हो जाने पर फर्जी रजिस्ट्री का खेल पकड़ में आ जाएगा।
केडीए उपाध्यक्ष ने ग्राम समाज की जमीन खाली कराने और विकास कार्य कराने के साथ फर्जी रजिस्ट्री रोकने की तैयारी शुरू कर दी है। फर्जी रजिस्ट्री के एक मामले में पिछले दिनों सात अफसरों और कर्मियों पर कार्रवाई की गई थी। अब हर योजना का मास्टर डाटा होगा, जिसमें प्राधिकरण के पास एक डैस बोर्ड पर प्रत्येक योजना के हर भूखंड और भवन का ब्योरा रहेगा। इससे प्राधिकरण को अनावंटित संपत्तियां प्राप्त होने की संभावना है। केडीए ने चारों जोनों में बसी योजनाओं को सूची बनानी शुरू कर दी है। डिजिटल तरीके से डाटा तैयार होगा। इससे पता चल जाएगा कितने भूखंड केडीए के रिकार्ड में खाली पड़े हैं और कितने लोग रह रहे हैं। ऐसे में फर्जी रजिस्ट्री सामने आएगी। उपाध्यक्ष अरिवंद ङ्क्षसह ने बताया, मास्टर डाटा तैयार किया जा रहा है। प्राधिकरण के पास एक ही जगह योजनाओं का लेखाजोखा आ जाएगा।
यहां पर पकड़ा जा चुका फर्जी रजिस्ट्री का खेल : पनकी, मुखर्जी विहार, किदवईनगर, सुजातगंज, श्यामनगर, इंदिरानगर, लखनपुर।