Kanpur Vikas Pradhikaran: अलकनंदा योजना के आवंटियों को सात साल बाद मिले वैकल्पिक भूखंड
केडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने आवंटियों की वर्षों समस्याओं के निदान के लिए सचिव की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। समिति ने परीक्षण के बाद जांच रिपोर्ट दी थी जिसके आधार पर आवंटियों को वैकल्पिक भूखण्ड लाटरी के माध्यम से दिए गए हैं।
कानपुर, जेएनएन। अलकनंदा योजना के आवंटी सात साल बाद वैकल्पिक भूखंड पाकर उछल पड़े। केडीए में हाईवे सिटी में खाली भूखंडों में अलकनंदा योजना सजारी के विवादित 250 आवंटियों की लाटरी कराई गई इसमें 237 आवंटियों को भूखंड मिले।
आवंटियों की वर्षों की चली आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु तत्कालीन उपाध्यक्ष राकेश सिंह द्वारा सचिव अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसमें अपर सचिव, वित्त नियन्त्रक, मुख्य अभियन्ता, विशेष कार्याधिकारी विक्रय जोन-2 व 4, अधिशासी अभियन्ता जोन-2 व 4, विधि अधिकारी एवं नगर नियोजक जोन-2 व 4 शामिल है। समिति द्वारा हाईवे सिटी योजना, हाईवेसिटी विस्तार योजना, अलकनन्दा एवं जवाहरपुरम आवासीय योजना में विवादित भूखण्डों का परीक्षण कर उपर्युक्त योजनाओं में विवादित भूखण्डों के आवंटियों को प्राथमिकता के आधार पर वैकल्पिक भूखण्ड लाटरी के माध्यम से आवंटित किये जाने की संस्तुति उपाध्यक्ष से की थी। इसके तहत जवाहरपुरम आवासीय योजना और हाईवे-सिटी योजना से संबंधित वैकल्पिक भूखण्डों की लाटरी पहले करके लगभग साढ़े चार सौ लोगों को वैकल्पिक भूखंड दिए जा चुके है।
इसी कड़ी में उपाध्यक्ष अरविंद सिंह के आदेश पर अलकनंदा इन्क्लेव योजना में आवंटित भूखण्डों का विवादित हो जाने के कारण उक्त आवंटियों को हाईवे सिटी योजना में वैकल्पिक भूखण्ड लाटरी के माध्यम से दिये गये। वर्ष 2014 में अलकनंदा योजना लांच की थी इसमें विवादित 250 आवंटियों के मध्य 237 भूखण्डों का वैकल्पिक आवंटन किया गया।