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Kanpur Triple Murder: सुबह सात बजे तक जिंदा था डाक्टर का परिवार, पोस्टमार्टम में सामने आया हत्या का सच

कानपुर के कल्याणपुर के डिविनीटी होम्स अपार्टमेंट में डॉक्टर की पत्नी बेटे और बेटी की हत्या के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट से अलग कहानी निकलकर आई है। बच्चों को तरल पदार्थ में जहर दिया गया और ताबड़तोड़ वार से कोमा में जाने से पत्नी की जान गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 11:51 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 11:51 AM (IST)
Kanpur Triple Murder: सुबह सात बजे तक जिंदा था डाक्टर का परिवार, पोस्टमार्टम में सामने आया हत्या का सच
हत्या की सुनियोजित साजिश का इशारा कर रही पोस्टमार्टम रिपोर्ट।

कानपुर, जागरण संवाददाता। कल्याणपुर के इंदिरा नगर स्थित डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट की पांचवीं मंजिल पर अपनी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या करने वाले डाक्टर के अवसादग्रस्त होने और मनोदशा की बातों से इतर पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने तिहरे हत्याकांड के सुनियोजित होने की ओर इशारा किया है। जिस तरह से तीनों मृतकों के शरीर में खाना नहीं मिला और तरल पदार्थों की मौजूदगी पाई गई है, उससे अनुमान है कि सुबह के समय चाय में जहर मिलाकर दिया गया। बेसुध होने के बाद हत्या की गई। महिला की मृत्यु कोमा में जाने से हुई, जबकि गल दबाने पर दम घुटने से ब'चों ने दम तोड़ा। जहरीला पदार्थ दिए जाने के चलते बिसरा सुरक्षित किया गया है।

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शनिवार दोपहर तीनों शवों का पोस्टमार्टम हुआ। रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातें सामने आई हैं। किसी के भी पेट में खाना नहीं मिला है। सिर्फ सौ-सौ मिलीलीटर तरल पदार्थ मिला है। इससे साफ है कि अगर उन्हें जहर दिया गया तो तरल पदार्थ का ही प्रयोग किया गया होगा। डाक्टर सुशील कुमार ने जहर के लिए किस पाउडर का इस्तेमाल किया, यह जानने के लिए तरल पदार्थ को सुरक्षित किया गया है।

घर से बरामद पाउडर को जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार आरोपित डाक्टर ने पत्नी चंद्रप्रभा के सिर पर ताबड़तोड़ कई वार हथौड़े से किए, जिससे उनके सिर की कई हड्डियां चकनाचूर हो गई। कोमा में जाने से उनकी मौत की पुष्टि हुई है जो दोनों ब'चों की मृत्यु गला दबाने की वजह से दम घुटने से हुई। तीनों का विसरा भी सुरक्षित किया गया है।

सुबह सवा सात बजे तक जिंदा थे मां व बच्चे : डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि शुक्रवार सुबह सवा सात बजे तक डाक्टर का परिवार जीवित था। यह बात घर की नौकरानी से पूछताछ में पता चली है। उसने बताया है कि सवा सात बजे काम कर वह डाक्टर के घर निकली थी। डाक्टर की पत्नी चंद्रप्रभा ने उसे वेतन भी दिया था।


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