Kanpur Triple Murder: आखिरी लोकेशन से डॉक्टर के गंगा में कूदने का संदेह, 36 घंटे बाद ही सामने आएगी हकीकत
कल्याणपुर में पत्नी बेटी और बेटे की हत्या के बाद गायब डॉक्टर के आत्महत्या की आशंका पर पुलिस ने गोताखोरों की मदद से बैराज से शुक्लागंज तक गंगा में सर्च ऑपरेशन चलाया लेकिन कुछ पता नहीं चल सका है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या के बाद गायब डाक्टर सुशील कुमार की आखिरी लोकशन मंधना नहीं गंगा किनारे सरसैय्या घाट की मिली है, जिससे पुलिस को उसके गंगा में कूदने का भी संदेह गहरा गया है। पुलिस ने बैराज से सरसैय्या घाट तक गोताखारों से उसकी तलाश कराई लेकिन कुछ पता नहीं चला है। फिलहाल अनुभवी गोताखारों का मानना है कि गंगा नदी में डूबा शव करीब 36 घंटे बाद ही ऊपरी सतह पर आता है। ऐसे में पुलिस को अब 36 घंटे बाद का इंतजार है, तभी हकीकत सामने आ सकेगी।
कल्याणपुर के डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट के फ्लैट में पत्नी, बेटी और बेटे की हत्या के बाद फरार डॉक्टर सुशील कुमार का सुराग तीसरे दिन भी पुलिस नहीं लगा सकी है। शुक्रवार रात तक चर्चा थी कि आरोपित की आखिरी लोकेशन मंधना मिली, लेकिन जब पुलिस ने मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट को निकलवाया तो आखिरी लोकेशन डीएम कंपाउंड थी। घटनास्थल पर छोड़े पत्र में खुद को भी खत्म करने के जिक्र को देखते हुए आत्महत्या की आशंका पर गंगा बैराज से शुक्लागंज तक गंगा में तलाशी अभियान चलाया। हालांकि पुलिस को कुछ भी साक्ष्य हासिल नहीं हो सका।
तिहरे हत्याकांड में अब तक हुई पड़ताल में सामने आया है कि डाक्टर सुशील दोपहर 1.10 बजे फ्लैट से बाहर निकला और लिफ्ट से नीचे आया। वह पैदल ही अपार्टमेंट से बाहर चला गया। पहले बताया जा रहा था कि उनकी लोकेशन वारदात के बाद शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे मंधना में थी, लेकिन मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट से पता चला कि आखिरी लोकेशन करीब छह बजे डीएम कंपाउंड के आसपास थी। यह भी सामने आया कि वह अटल घाट, परमट होते हुए वहां पहुंचा।
पुलिस ने पहले सरसैया घाट पर आसपास की दुकानों व पंडों से पूछताछ की। सारे टावरों की लोकेशन गंगा के किनारे होने के बाद पुलिस को आशंका थी कि शायद जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के बाद डाक्टर ने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली हो। इसपर शनिवार को डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएम मूर्ति के नेतृत्व में पुलिस ने अटल घाट से लेकर शुक्लागंज पुल तक गंगा में सर्च आपरेशन चलाया, जिसमें कोई सफलता हाथ न लगी।
इस बारे में अनुभवी गोताखोरों ने बताया कि जब कोई वजनी इंसान डूबता है तो वह गंगा नदी की तलहटी में चला जाता है। इसके करीब 36 घंटे बाद वह नदी के ऊपरी सतह पर आता है। ऐसे में 36 घंटे बाद ही तलाश करने पर कुछ पता चल सकेगा, यदि गंगा में कूदकर अात्महत्या की है तो शव सतह पर आने के बाद बहकर ज्यादा दूर तक नहीं जाएगा। एसीपी कल्याणपुर दिनेश कुमार शुक्ला ने बताया कि गंगा में कूदकर आत्महत्या करने का अंदेशा जताते हुए सर्च अभियान चलाया गया, हालांकि डाक्टर का कुछ पता नहीं चल सका। अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।