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IAS Iftikharuddin Case: एसआइटी को प्रिंटिंग प्रेस की तलाश, जहां छपवाया था धार्मिक साहित्य

कानपुर में मंडलायुक्त रहे आइएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन प्रकरण में एसआइटी को धार्मिक साहित्य छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस की तलाश है। विशेष जांच दल के अध्यक्ष ने टीम के साथ बैठक की और अगले सप्ताह शासन को रिपोर्ट सौंपने की बात कही।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:50 AM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:50 AM (IST)
IAS Iftikharuddin Case: एसआइटी को प्रिंटिंग प्रेस की तलाश, जहां छपवाया था धार्मिक साहित्य
मतांतरण वाली तकरीरों के वायरल वीडियो में फंसे आइएएस।

कानपुर, जेएनएन। पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन प्रकरण में एसआइटी (विशेष जांच दल) उस प्रिंटिंग प्रेस की जानकारी जुटा रही है जिसमें धार्मिक साहित्य प्रिंट कराने की बात सामने आई थी। बुधवार को एसआइटी अध्यक्ष ने टीम के साथ बैठक करके जांच के सभी बिंदुओं पर चर्चा की। अगले सप्ताह तक एसआइटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

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कुछ दिन पहले वरिष्ठ आइएएस अधिकारी और वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कुछ वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए थे। इनमें वह तकरीरें करते नजर आ रहे थे। ये वीडियो उनके आवास के थे। शासन ने इस प्रकरण में सीबीसीआइडी के महानिदेशक (डीजी) जीएल मीणा के नेतृत्व में दो सदस्यीय एसआइटी का गठन किया गया था। एसआइटी में एडीजी भानु भास्कर भी शामिल थे। टीम ने 80 से अधिक वीडियो देखे और 30 लोगों के बयान दर्ज किए थे। मतांतरण के तथ्य सामने आने के बाद एसआइटी ने वीडियो को टुकड़े-टुकड़े में तीन हार्ड ड्राइव में सुरक्षित किया था। वहीं एसआइटी ने पूरी रिपोर्ट तैयार की थी।

इस बीच मो.इफ्तिखारुद्दीन के कुछ धार्मिक साहित्य का प्रकाशन कराने की जानकारी होने पर एसआइटी ने प्रिङ्क्षटग प्रेस तलाशने के प्रयास किए थे, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा था। एसआइटी को सात दिनों के भीतर रिपोर्ट तैयार कर सौंपनी थी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद एसआइटी अध्यक्ष ने लखनऊ में बैठक करके पूरी रिपोर्ट का अवलोकन किया। उन्होंने शासन को रिपोर्ट सौंपने के पहले सभी त्रुटियों में सुधार के निर्देश दिए। दशहरा को लेकर चार दिन की छुट्टी होने से एसआइटी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई है। सूत्रों के मुताबिक एसआइटी टीम एक बार फिर से प्रिङ्क्षटग प्रेस के बारे में सुराग जुटाकर अब तक दर्ज बयानों को एक बार फिर से सत्यापित किया जाएगा।


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