Kanpur Kidnapping Case: संजीत अपहरण-हत्याकांड पर विरोधी दलों ने उठाए सवाल, सपा ने दी पांच लाख की मदद
आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बताई पुलिस की लापरवाही तो सपा नेताओं ने अधूरे पर्दाफाश पर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया।
कानपुर, जेएनएन। पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव के अपहरण और हत्या की घटना के बाद कानपुर पुलिस पर राजनीतिक दल के नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। घटना के बाद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाए तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और बसपा प्रमुख मायावती ने लचर कानून व्यवस्था पर यूपी में जंगलराज बताया था। वहीं कानपुर आए आम आदमी पार्टी से राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने घटना को पुलिस की लापरवाही करार दिया है।
संजीत के स्वजनों से मिलने पहुंचे आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पुलिस की लापरवाही की वजह से ही संजीत की हत्या हुई है और इसके बाद भी पुलिस बेतुका बयान दे रही है। कहा, पुलिस अधिकारियों का निलंबन काफी नहीं है, मुकदमा दर्ज कर इन्हें जेल भेजा जाए। उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में जंगलराज कहना कम है, क्योंकि जंगल के भी नियम कानून होते हैं। आरोपित ने संजीत के पिता को 26 बार फोन किया और पुलिस बदमाशों को ट्रेस नहीं कर पाई। फिरौती दी गई, लेकिन पुलिस कह रही कि नोट नकली थे। यह शर्म की बात है।
सपा ने पीड़ित परिवार को दी पांच लाख की चेक
सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने संजीत के घर पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा भेजे गए पांच लाख रुपये भी परिवार को दिए। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार संजीत के परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद दे। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुबह संजीत यादव के पिता से बातचीत की। उन्होंने कहा कि पार्टी उनके साथ है। राज्यसभा सदस्य चौधरी सुखराम सिंह ने भी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदेश सरकार से संजीत की बहन को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
सपा विधायकों ने पर्दाफाश पर उठाए सवाल
सपा विधायकों अमिताभ बाजपेई, इरफान सोलंकी और पूर्व विधायक सतीश निगम ने अपहरण और हत्याकांड के पर्दाफाश पर असंतोष जताया। संजीत के घर पहुंचकर स्वजनों को ढांढस बंधाया और कहा कि ये अधूरा राजफाश है। पुलिस न तो संजीत का शव बरामद कर सकी है और न ही उसके कपड़े, जूते, बैग, फिरौती की रकम का बैग, मोबाइल आदि बरामद किया जा सका है। पुलिस की मार से तो कोई भी जुर्म कुबूल लेता है। परिवार ने इकलौता बेटा खोया है। ऐसे में परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और बहन रुचि को सरकारी नौकरी दी जाए।
दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज कर हो कार्रवाई
यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पांडेय ने कहा कि पूर्व थाना प्रभारी बर्रा रणजीत राय और चौकी प्रभारी राजेश कुमार की गतिविधियां संदिग्ध है। इन पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। पूर्व सांसद राकेश सचान, कांग्रेसी नेता विकास अवस्थी, पार्षद जेपी पाल, कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष ऊषारानी कोरी आदि ने भी उनकी बात का समर्थन किया।
परिवार को मिले 50 लाख की मदद
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के नगर अध्यक्ष आशीष चौबे ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि सरकार 50 लाख रुपये परिवार को दे और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।