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Kanpur Road Condition: हमीरपुर रोड के चौड़ीकरण ने बढ़ाई मुसीबत नहीं लग पा रही हादसों पर लगाम

Kanpur Road Condition गल्लामंडी से घाटमपुर के बीच नहीं बना डिवाइडर ऊंचे नाले दो पहिया वाहनों के जान के दुश्मन। नौबस्ता गल्लामंडी के आगे से घाटमपुर के बीच हाईवे पर कहीं भी डिवाइडर नहीं बनाया गया है। जिससे तेज रफ्तार वाहन मनमाने रवैये से काल बनकर यहां दौड़ते हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 05:06 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 05:06 PM (IST)
Kanpur Road Condition: हमीरपुर रोड के चौड़ीकरण ने बढ़ाई मुसीबत नहीं लग पा रही हादसों पर लगाम
कानपुर की जर्जर सड़कों को दर्शाती प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। हमीरपुर रोड का चौड़ीकरण भले ही हो गया हो, लेकिन यहां हादसों पर लगाम नहीं लग पा रही है। नौबस्ता सीमा से घाटमपुर के बीच हाईवे पर डिवाइडर न बने होने के कारण जहां हादसे होते हैं। जबकि हाईवे किनारे सड़क से दो-दो फीट ऊंचे नाले दो पहिया वाहन सवारों की जान के दुश्मन बने हैं। जिम्मेदारों ने इस समस्या के निराकरण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

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अवैध कट को बंद कराने के दिए जा चुके निर्देश 

नौबस्ता -सागर हाईवे 34 पर कुछ साल पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने चौड़ीकरण का काम कराया था। इस हाईवे पर सर्वाधिक हादसों वाले स्थान नौबस्ता से सेन पश्चिम पारा पुलिस सहायता केंद्र तक डिवाइडर बनाकर उस पर लोहे की रेलिंग लगाई गई थी। बीच में कई स्थानों पर एक से दूसरी लेन में आने जाने के लिए कट भी बनाए गए थे। खुले कट अक्सर हादसे और जाम का कारण बन रहे थे। सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने रूट का जायजा लेने के बाद 15 स्थानों को चिह्नित कर कट बंद कराने के निर्देश दिए गए थे। जिसके तहत एनएचएआइ ने सीमेंटेड बोल्डर लगाकर दस स्थानों पर कट बंद किए थे। पांच स्थानों पर कट अभी भी बंद नहीं हुए हैं। 

खस्ताहाल मार्ग देखना हो तो नौबस्ता आइए 

नौबस्ता गल्लामंडी के आगे से घाटमपुर के बीच हाईवे पर कहीं भी डिवाइडर नहीं बनाया गया है। जिससे तेज रफ्तार वाहन मनमाने रवैये से काल बनकर यहां दौड़ते हैं। बारिश के पानी की निकासी को लेकर हाईवे के दोनों ओर सड़क से दो फीट ऊंचे सीमेंटेड नाले का निर्माण कराया गया था। जिससे आबादी वाले क्षेत्र में रास्ता संकरा हो गया है। अक्सर तेज रफ्तार ट्रक आगे चल रहे वाहनों को ओवरटेक करते हैं। उनसे बचने के लिए वाहन सवारों को नाले के चलते बाएं जाने का रास्ता नहीं मिलता। जिससे ऊंचे नाले की अड्डी दो पहिया वाहन सवारों की जान के दुश्मन बने हैं।

 इनका ये है कहना 

हादसों की रोकथाम के लिए जेब्रा पट्टी और रिफ्लेक्टर व संकेतक लगवाने के लिए एनएचएआई को लिखा गया था। इसका काम हुआ था। दो फीट ऊंचे नाले की अड्डी के बारे में जानकारी नहीं है। निरीक्षण के बाद विभागीय अफसरों के साथ बैठक कर निस्तारण कराया जाएगा। - बसंत लाल, एसपी ट्रैफिक


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