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हादसों का लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे : तेज रफ्तार बस ने डिवाइडर पार कर फॉर्च्यूनर कार में मारी जोरदार टक्कर, 6 की मौत

Lucknow Agra Expressway Accident पुलिस के मुताबिक फॉर्च्यूनर दिल्ली निवासी सुनीता सिंह के नाम से पंजीकृत है। फॉर्च्यूनर कार सवार पांच व्यक्ति लखनऊ से आगरा की ओर जा रहे थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 07:39 AM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 11:27 AM (IST)
हादसों का लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे : तेज रफ्तार बस ने डिवाइडर पार कर फॉर्च्यूनर कार में मारी जोरदार टक्कर, 6 की मौत
हादसों का लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे : तेज रफ्तार बस ने डिवाइडर पार कर फॉर्च्यूनर कार में मारी जोरदार टक्कर, 6 की मौत

कानपुर, जेएनएन। Lucknow Agra Expressway Accident : राजधानी लखनऊ को पयर्टन राजधानी आगरा से जोडऩे वाला लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे अब तो हादसों का एक्सप्रेस वे साबित हो रहा है। रविवार रात को सात लोगों की मौत के बाद सोमवार रात बस तथा फॉर्च्यूनर की भिड़ंत में छह लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में दिल्ली के नेता सुरजीत सिंह भी हैं, वो हाल ही में आम आदमी पार्टी के मंत्री रहे मनीष सिसौदिया के खिलाफ चुनाव लड़े थे। 

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हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर हुआ। सोमवार देर रात दिल्ली से बिहार जा रही तेज रफ्तार बिहार राज्य सड़क परिहवन निगम की वॉल्वो बस के चालक को झपकी आ गई।  जिसके चलते बस ने डिवाइडर पार कर आगरा से दिल्ली जा रही तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर कार में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर से फॉर्च्यूनर डिवाइडर से टकरा गई और उसमें बैठे पांच लोगों की मौत हो गई। फॉर्च्यूनर कार समी उर्फ जोगिंदर चला रहे थे, जो त्रिलोकपुरी दिल्ली एनसीआर के रहने वाले थे। उनके साथ कार में सुरजीत, राम शंकर, मुकेश कुमार सवार थे। 

बस एक्सप्रेस-वे से उतर कर सर्विस लेन में जा गिरी। इससे बस चालक की मौत हो गई और 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। बस में 40 यात्री बताए जा रहे हैं। हादसे में घायल मुजफ्फरपुर निवासी दिलीप को देर रात अस्पताल पहुंचाया गया। उसकी स्थिति ऐसी हो चुकी थी कि हादसे के बारे में ठीक से कुछ जानकारी नहीं दे पा रहा है।

पुलिस के मुताबिक फॉर्च्यूनर कार दिल्ली निवासी सुनीता सिंह के नाम से पंजीकृत है। फॉर्च्यूनर कार सवार पांच व्यक्ति लखनऊ से आगरा की ओर जा रहे थे, जबकि वॉल्वो बस गाजियाबाद के कौशांबी से बिहार जा रही थी। इसी में बस यात्रियों के मुताबिक, चालक को झपकी आ गई और अचानक बस अनियंत्रित होकर डिवाइडर को पार करते हुए दूसरी लेन पर जा पहुंची। यात्रियों ने शोर मचाया तो चालक ने बस को मोड़ा और तभी बस सामने आ रही फॉर्च्यूनर से टकरा गई। इसके बाद बस चालक भी नियंत्रण खो बैठा और बस एक्सप्रेस-वे की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए सर्विस लेन पर जा गिरी।

राहगीरों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी तो तुरंत यूपीडा और यूपी 112 की गाड़ियां, बिल्हौर, ककवन थाने के फोर्स संग सीओ मौके पर पहुंचे और यात्रियों को बस से निकालकर अस्पताल भेजना शुरू किया। फॉर्च्यूनर सवार पांचों लोग कार में अंदर फंसे हुए थे। देर रात ही उन्हें निकालने के लिए गैस कटर मंगवाया गया। बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा ने बताया कि हादसे में छह लोगों की मौत की सूचना है। घायलों को तुरंत सीएचसी और नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

कार सवार चार लोगों की पहचान

कानपुर के एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि हादसे में छह लोगों के मरने की पुष्टि हो चुकी है। कार सवार चार लोगों की पहचान सनी (35), मुकेश (40), राम शंकर व सुरजीत सिंह के रूप में हुई है, इन सभी की मौत हुई है। कार दिल्ली की सुनीता सिंह के नाम पंजीकृत है। 

हादसे में घायल

नवनीत शंकर मुजफ्फरपुर, प्रदीप और कबीर मैनपुरी, मित्रा सिंह मैनपुरी, आलोक दिल्ली, प्रदीप, भूरी सिंह, राकेश, सुखबीर सिंह और अजय पाल समेत 20 से अधिक लोग हादसे में घायल हुए हैं।

कार में सवार थे दिल्ली के नेता

कार में दिल्ली के भाजपा नेता सुरजीत सिंह भी सवार थे। हादसे में उनकी भी मौत हो गई है। सुरजीत पूर्वी दिल्ली में मयूर विहार के पार्षद और बहुजन समाज पार्टी के नेता रहे थे। वर्ष 2017 में उन्होंने बसपा छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। हाल ही में हुए दिल्ली चुनाव में सुरजीत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पटपडग़ंज विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी के शिक्षा और वित्त मंत्री रहे मनीष सिसोदिया के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे और बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। सुरजीत की जमानत तक जब्त हो गई थी। 

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एसयूवी का सेफ्टी बैलून खुला तब भी न बची जान

एसयूवी से पुलिस अंदाजा लगा रही है कि टक्कर इतनी भीषण थी कि कार में सेफ्टी बैलून खुलने के बावजूद उसमें सवार किसी की जान नहीं बच सकी।

भगवान बन कर पहुंचे बाइक सवार युवा

बिल्हौर थाना क्षेत्र के गांव सिंघौली निवासी अमित दोस्तों प्रशांत, गोलू, वैभव के साथ शादी में मकनपुर आये हुए थे। घर वापस जाने के दौरान तेज आवाज सुनी तो इन सभी लोगों ने घटनास्थल की ओर बाइक दौड़ा दी। वहां पहुंचे तो बस में चीख पुकार मची हुई थी। अमित और उनके दोस्तों ने बस से सभी को बाहर निकाला। इसी बीच बस चालक ने बचाव की आवाज लगाई तो लोग उसकी ओर दौड़े। जब तक लोग उसे निकाल पाते, उसकी मौत हो गई। चालक की शिनाख्त नहीं हो सकी है। बस से सुरक्षित निकलने के बाद सवारियों ने युवाओं का धन्यवाद किया।

तो बढ़ सकता था मौत का आंकड़ा

एक्सप्रेस वे से बस रेलिंग को तोड़ते हुए सीधे नीचे की ओर बढ़ने लगी। बस सर्विस रोड़ पर बनी पुलिया में जाकर फंस गई। गनीमत रही कि बस एक्सप्रेस-वे से लुढ़कते हुए नीचे नहीं गिरी, नहीं तो मौत का आंकड़ा बढ़ सकता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अगर बस पुलिया के सहारे न रुकती तो आगे सर्विस रोड़ पर लगे पिलरों से टकरा सकती थी। इससे हादसा और बड़ा हो सकता था।

पांच मिनट पहले रोकी थी चालक ने बस, कुछ दूर चलते ही हादसा

गाजियाबाद के कौशांबी से बस शाम करीब साढ़े चार बजे 40 यात्रियों को लेकर बिहार के लिए चली थी। घायल यात्रियों ने बताया कि हादसे से पांच मिनट पहले ही चालक ने हाईवे किनारे ही बस रोकी और लघुशंका करने चला गया। कुछ देर बाद आकर पानी पीकर फिर बस चलाने लगा। कुछ दूर चलते ही यह हादसा हो गया।

दिल्ली से मुजफ्फरपुर (बिहार) स्थित अपने घर लौट रही एमबीए की छात्रा सुनीति ने बताया कि वह जरूरी काम से दिल्ली गई थीं और वहीं से घर लौट रही थीं। बीना ने बताया कि रास्ते में दो स्थानों पर चालक ने बस रोकी थी, एक स्थान पर यात्रियों ने उतरकर खाना भी खाया था। इसके बाद वह अपनी सीट पर सो रही थीं। इसी बीच तेज आवाज सुनाई दी और जागीं तो बस सर्विस लेन से नीचे गिर गई थी। वहीं, नूतन चौधरी ने बताया कि उनके पति सौरभ दिल्ली एयरफोर्स में तैनात हैं, उन्हीं से मिलकर वापस घर मुजफ्फरपुर लौट रही थीं कि ये हादसा हो गया। कोलकाता में पेंटर का काम करने वाले विश्वजीत ने बताया कि वह कारोबार के सिलसिले में दिल्ली गए थे। वहीं से लौट रहे थे। चालक ने हादसे से पूर्व जब बस रोकी तो वह भी उतरे थे। सीट पर बैठे ही थे कि पांच मिनट बाद यह हादसा हुआ।

गैस कटकर से कार की बॉडी काटकर निकाले गए शव

टक्कर से फॉर्च्यूनर कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्र्रस्त हो गया था। राहगीरों ने पीछे वाला गेट खोला तो अंदर का नजारा देख उनके रोंगटे खड़े हो गए। सीट पर बैठे यात्री एक-दूसरे के ऊपर पड़े थे। अंदर खून ही खून फैला था। कार ऊपर से भी दब गई थी, इसलिए किसी को भी निकाला नहीं जा सका। पुलिस ने आकर जब गैस कटर से कार की बॉडी कटवाई तब कहीं जाकर शव निकाले गए। पुलिस देर रात तक मृतकों की शिनाख्त नहीं कर सकी, लेकिन कार नंबर दिल्ली पुलिस को बताकर कार मालिक से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। सीओ ने बताया कि कार में मौजूद चालक की आइडी व अन्य दस्तावेज अभी नहीं देखे जा सके हैं। 


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