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कानपुर में प्रॉपर्टी के विवाद पर कारोबारी पर चाकू-आरी से हमला, दुकान को आग लगा आरोपित फरार

मनीराम बगिया में 1000 वर्ग गज का एक मकान है जिसका अभी पारिवारिक बंटवारा नहीं हुआ है। आरोप है कि परिवार के एक सदस्य ने वर्ष 2005 में आनंद वर्मा को मकान के निचले हिस्से में मौजूद एक दुकान बेच दी थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 02:29 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 08:56 PM (IST)
कानपुर में प्रॉपर्टी के विवाद पर कारोबारी पर चाकू-आरी से हमला, दुकान को आग लगा आरोपित फरार
मनीराम बगिया में विवादित भवन और जले हुए पाइपों की फोटो।

कानपुर, जेएनएन। फीलखाना थाना क्षेत्र स्थित मनीराम बगिया में बुधवार की सुबह एक विवादित दुकान पर कजरारी को लेकर जमकर बवाल हुआ। एक पक्ष ने दूसरे पक्ष की दुकान में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जब इसका विरोध करने की कोशिश की गई तो आरोपितों ने दो भाइयों पर चाकू और आरी से वार कर दिया। ताबड़तोड़ वार से दोनों बुरी तरीके से घायल हो गए, इनमें से एक घायल को गंभीर अवस्था में शहर के मधुराज नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपित पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। 

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यह है पूरा मामला: मनीराम बगिया में 1000 वर्ग गज का एक मकान है, जिसका अभी पारिवारिक बंटवारा नहीं हुआ है। परिवार के लोगों ने इस मकान में बंटवारे के लिए अदालत में याचिका दायर की हुई है। आरोप है कि परिवार के एक सदस्य ने वर्ष 2005 में पास नहीं रहने वाले एडवोकेट आनंद वर्मा को मकान के निचले हिस्से में मौजूद एक दुकान बेच दी थी। यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है। इस प्रकरण में जो वीडियो वायरल हुए हैं उसे देखने पर पता लग रहा है कि सुबह 10:30 बजे लगभग एक दर्जन लोगों की भीड़ आई और उसने दूसरे पक्ष के राहुल जैन की दुकान के बाहर खड़े प्लास्टिक के पाइप में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी। राहुल जैन के मुताबिक जब उसने और उसके चाचा के बेटे अतुल जैन ने आगजनी का विरोध किया तो दूसरे पक्ष से आनंद वर्मा और उनके पिता पवन वर्मा के साथ आए हमलावरों ने उन पर हमला कर दिया। आरोपित के हाथ में चाकू, आरी व पेचकस आदि औजार थे। हमले में राहुल जैन का सिर फट गया और हाथ में चोट आई, जबकि अतुल जैन के सीने और पेट में गंभीर चोटें आई हैं। मामले की सूचना तत्काल पुलिस को दी गई पुलिस के पहुंचने से पहले ही आरोपित फरार हो गए। हालांकि पुलिस ने तत्काल ही आनंद वर्मा और प्रवीण वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।

एक जून को पुलिस ने कराया था जबरन कब्जा: जिस विवादित प्रॉपर्टी को लेकर बुधवार की सुबह इतना बड़ा हंगामा हो गया उसके पीछे पुलिस की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। घायल राहुल जैन ने बताया कि फीलखाना पुलिस आरोपित से मिली हुई है और एक जून को तत्कालीन चौकी प्रभारी निशा यादव की मदद से पुलिस ने इस दुकान पर आनंद वर्मा को जबरन कब्जा दिला दिया था। इस प्रकरण में इंस्पेक्टर फीलखाना की भूमिका भी संदिग्ध है। हालांकि जब पीड़ित पक्ष ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत की तो और निशा यादव को चौकी से हटा दिया गया। मगर थाना पुलिस अभी भी आरोपित आनंद वर्मा के इशारे पर खेल रही थी। इसी का परिणाम है कि सुबह दर्जनभर हथियारबंद लोगों ने इतनी बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। सूचना यह भी है कि पुलिस ने हंगामे के दौरान कुछ युवकों को हिरासत में लिया था, जिन्हें बाद में गुपचुप तरीके से छोड़ दिया गया। 


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