यूपी में कानपुर का एक्यूआइ लेवल सबसे खराब, सांसों पर भारी पड़ने लगी प्रदूषित हवा
कानपुर में तापमान गिरने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से वातावरण में धुंध छाई हुई है। आतिशबाजी वाहनों के धुएं और कृषि अवशेष के जलाने से शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बद से बदतर हो गया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आतिशबाजी, वाहनों की आवाजाही, धूल, गर्द के साथ ही कृषि अवशेष के जलने से प्रदेश के कई शहरों के हालत खराब हो गए है। अपने शहर की हवा भी सांसों पर भारी है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) बद से बदतर हो गया है। तापमान में गिरावट समस्या को लगातार बढ़ाती जा रही है। रविवार को दिन में तापमान गिरने से प्रदूषण और हावी हो गया। दिनभर शहर में धुंध छाई रही। इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चारों मानीटरिंग स्टेशन की रिपोर्ट भयभीत करने वाली है। वायुमंडल में अतिसूक्ष्म तत्वों व हानिकारक गैसों का स्तर मानक से कई गुणा अधिक मिला है। हवा नहीं चलने व तापमान के नीचे जाने से हालात और चिंताजनक हो सकते हैं।
एक्यूआइ की खस्ता हालत दीपावली के बाद से हुई है। हवा बहुत कम गति से चल रहीै, जिसकी वजह से वायुमंडल की निचली परत पर वायु प्रदूषण के घनत्व में इजाफा हुआ है। रविवार को दूषित हवा के चलते दिनभर धुंध रही। मौसम में भी हल्की ठंडक बढ़ गई है। इधर, मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अत्याधिक ऊंचाई के बादलों ने ठंड बढ़ा दी है, जिससे दिन का पारा तीन डिग्री सेल्सियस नीचे हो गया है। रात के तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। धूप के कम असर और हवा में मौजूद नमी से दोपहर और शाम के समय हल्की धुंध छाई रही। धूल व हानिकारक गैसों के असर से धुंध का प्रभाव अधिक हो गया। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अरब सागर में चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना हुआ है जबकि राजस्थान के पास विपरीत हवा का क्षेत्र सक्रिय है। दोनों हवा के मिलन से अत्याधिक ऊंचाई पर बादल बन गए हैं। यह धूप के असर को कमजोर किए हुए हैं। ऊंचाई पर बादलों के रहने से रात का पारा थोड़ा और बढ़ सकता है।
शहर के मानीटरिंग स्टेशन की स्थिति
स्टेशन- पीएम 2.5- पीएम 10
नेहरू नगर- 450- 417
एनएसआइ- 369- 223
आइआइटी- 408- --
किदवई नगर- 387- 208
नोट : मात्रा माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर है। आंकड़े रात दस बजे के हैं।
जलने लगे हैं कृषि अवशेष
आइआइटी के सिविल इंजीनियरिंग के विशेषज्ञों ने दीपावली और उससे पहले प्रदेश के अन्य शहरों में लगे आटोमैटिक मानीटरिंग स्टेशन का अध्ययन किया। इसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पास कृषि अवशेष के जलाए जाने की जानकारी मिली है। उन्होंने रिपोर्ट उत्तर प्रदेश और दिल्ली की सरकार को भेजी है। शहर में भी आसपास के जिलों से दूषित हवा आने की आशंका जताई गई है।
लखनऊ से खराब कानपुर का एक्यूआइ
कानपुर का एक्यूआइ लखनऊ से ज्यादा खराब है। शाम चार बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट में शहर का एक्यूआइ 374 है, जबकि लखनऊ का 299 रिकार्ड हुआ है। आगरा का 412, बागपत का 440, बुलंदशहर का 424, फिरोजाबाद का 443, गाजियाबाद का 455, गोरखपुर का 347, ग्रेटर नोएडा 365, हापुड़ 444, मेरठ 416 हैं।