Black Fungus: नकली इंजेक्शन बेंच रहे थे कारोबारी, मुंबई में जांच के बाद सामने आई हकीकत
पुलिस ने लाइपोजोनल एम्फोटेरेसिन बी नाम के इंजेक्शन बरामद करके आरोपितों को गिरफ्तार किया था जिसकी जांच मुंबई तक पहुंच गई। इस कंपनी के इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी ने पकड़े गए इंजेक्शन नकली होने की रिपोर्ट दी है।
कानपुर, जेएनएन। ब्लैक फंगस में कारगर लाइपोजोनल एम्फोटेरेसिन बी के नकली इंजेक्शन की जांच मुंबई तक जा पहुंची है। जांच टीम ने इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी से संपर्क किया तो उसने भी रिपोर्ट भेजकर साफ कर दिया है कि कानपुर पुलिस ने जो इंजेक्शन बरामद किए हैं, नकली हैं। दूसरी ओर पुलिस ने इस प्रकरण में गिरफ्तार दो अन्य आरोपितों को रविवार को कोर्ट में पेश किया। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने रविवार को प्रयागराज से पकड़े गए दोनों आरोपितों के बारे में मीडिया को जानकारी दी। बताया कि प्रयागराज के कालिंदीपुरम में अग्रवाल मेडिकल स्टोर के मालिक पंकज अग्रवाल और मधुरम मेडिकल स्टोर के मालिक मधुरम बाजपेयी को गिरफ्तार किया था। दावा है कि दोनों परमट में एक वकील से मिलने आए थे और ग्रीन पार्क के पास से पकड़े गए। पुलिस ने दोनों को पूर्व में नोटिस देकर जवाब मांगा था। पंकज प्रयागराज में चकरघुनाथ नैनी का रहने वाला है जबकि मधुरम शहर में नौबस्ता के सेंट जार्ज स्कूल के पास रहता है।
एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि बरामद इंजेक्शन पर निर्माता कंपनी का नाम भारत सीरम वैक्सीन लिमिटेड लिखा हुआ है। पुलिस ने कंपनी के मुंबई स्थित मुख्यालय से संपर्क किया और बरामद इंजेक्शन के फोटोग्राफ भेजे। कंपनी ने उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट के मुताबिक असली इंजेक्शन की वॉयल में हल्के पीले रंग का द्रव्य है जबकि बरामद इंजेक्शन की वॉयल में सफेद रंग का है। इसके अलावा दोनों वायल में लगे रैपर में जमीन-आसमान का अंतर है। फांट भी अलग हैं और कई स्थानों पर विवरण भी अलग है। पैङ्क्षकग में भी अंतर है। कंपनी ने साफ कर दिया है कि बरामद इंजेक्शन उनकी कंपनी के नहीं हैं।
...पार्टी तेज है, इंजेक्शन बदल दो
पुलिस को मधुरम और ज्ञानेश के बीच मोबाइल फोन से हुई बातचीत की रिकार्डिंग मिली है। इसमें ज्ञानेश कहा रहा है कि प्रयागराज वाली पार्टी तेज है। वह कह रही है कि इंजेक्शन सही नहीं है, उसे बदल दो। अगर हो सके तो माल वापस ले लेते हैं। इस पर मधुरम जवाब देता है कि उसने पैसा ऊपर पहुंचा दिया है। अब पैसा वापस नहीं हो सकता है।