Kanpur Bhu Mafia: मामा तालाब से जुड़े फर्जीवाड़े में मुकदमा नहीं, एडीएम सिटी ने पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र
कानपुर में कल्याणपुर थाना क्षेत्र के मसवानपुर के मामा तालाब की भूमि पर कब्जे के मामले में पुलिस ने अबतक मुकदमा नहीं लिखा है। इसके लिए एडीएम सिटी पहले ही पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए आग्रह कर चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। मसवानपुर स्थित मामा तालाब की भूमि को पट्टे पर लेकर उसे फर्जी तरीके से अपने नाम कराने और फिर आवास विकास को वही भूमि देकर मुआवजा लेने वाले मामले में अभी तक मुकदमा नहीं हुआ। न तो भूमि अधिग्रहण की एनओसी देने और पट्टे की भूमि पर पट्टेधारकों को मालिक बनाने वाले किसी भी राजस्व अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई है। मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुकदमा होना है। इसके लिए कल्याणपुर थाने में कई बार तहरीर दी गई पर मुकदमा नहीं हुआ। अब एडीएम सिटी अतुल कुमार ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर इंस्पेक्टर की शिकायत करके उचित कार्यवाही का आग्रह किया है।
मामा तालाब का सुंदरीकरण होना है। सुंदरीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई तो यह बात पकड़ में आई कि जहां तालाब स्थित है उस भूमि का तो अधिग्रहण हो चुका है और कुछ लोगों ने इसका मुआवजा भी ले लिया है। इसके बाद मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने जांच कराई तो पता चला कि 1359 फसली वर्ष (वित्त वर्ष 1950-51) में आराजी संख्या 159 की भूमि राजस्व अभिलेखों में तालाब के नाम से दर्ज थी। इसे वर्ष 1360 फसली ( वित्त वर्ष 1951-52) में बिना किसी आदेश के श्रेणी दो के खातेदार के रूप में मटरू के नाम दर्ज किया गया। श्रेणी में पंचम के नाम और श्रेणी एक में मुसइया और बदलू के नाम दर्ज की गई। इन लोगों ने इस भूमि को गलत तरीके से अपने नाम दर्ज कराया था, जबकि ये सभी पट्टाधारक थे।
इसी तरह आराजी संख्या 159 का रकबा 11 बीघा 19 बिसवा खातेदार के रूप में रजोले व गोकुल के नाम बतौर वरासत राजस्व अभिलेखों में दर्ज हुई। इस कार्य में तत्कालीन लेखपाल, कानूनगो, तहसीलदार ने खेल किया था। जब इसी भूमि का अधिग्रहण आवास विकास परिषद ने किया था एनओसी भी दी गई। इसी मामले में अब तत्कालीन राजस्व अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध मुकदमा होना है, लेकिन लेखपाल सर्वेश यादव द्वारा तीन बार तहरीर देने के बाद भी मुकदमा नहीं हुआ। अब डीएम के आदेश पर एडीएम सिटी ने पत्र लिखा है और मुकदमा दर्ज कराने का आग्रह किया है। उधर, डीएम के मंडलायुक्त के आदेश पर आवास विकास परिषद जल्द ही वितरित की गई मुआवजा राशि को वापस लेने के लिए संबंधित किसानों के आश्रितों को नोटिस जारी करेगा।