प्रदेश में मास्क न लगाने पर चालान में कानपुर का दूसरा नंबर, पहले नंबर पर वाराणसी
कोरोना संक्रमण काल में कानपुर पुलिस ने सख्ती करते हुए पिछले 50 दिनों में मास्क न लगाने पर औसतन रोजाना 2500 चालान काटे हैं। प्रदेश में मास्क को लेकर चालान करने में कानपुर पुलिस का दूसरा नंबर है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना से 1685 मौतों के बाद भी शहर के लोगों में कोविड प्रोटोकाल को लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही। आंकड़े गवाह हैं कि पिछले 50 दिनों में भयावह स्थिति होने के बाद भी कानपुर नगर में रोजाना औसतन ढाई हजार चालान बिना मास्क घर से बाहर निकले लोगों के किए गए। यह संख्या प्रदेश में वाराणसी के बाद दूसरे नंबर पर है। हालांकि, जुर्माने की राशि वसूलने में कानपुर पुलिस अन्य जिलों की तुलना में उतनी सख्त नजर नहीं आई।
कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद मार्च 2020 के बाद से कानपुर में सख्ती की गई और लॉकडाउन लगने के बाद घर से बाहर निकलने पर मुंह में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया था। पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया,तब से लेकर 28 मई तक कानपुर में बिना मास्क के निकलने पर 3.12 लाख चालान किए जा चुके हैं, जिनसे पुलिस ने 1.73 करोड़ रुपये की वसूली भी की है। कोरोना की पहली लहर की अपेक्षा इस बार लापरवाही खूब बरती गई। आंकड़ों के मुताबिक, कुल चालान में से लगभग आधे पिछले 50 दिनों में किए गए हैं। पिछले 50 दिनों में कमिश्नरेट पुलिस ने 1.45 लाख चालान किए और 85 लाख रुपये का जुर्माना वसूला। चालान की संख्या के लिहाज से कानपुर प्रदेश में दूसरे नंबर पर हैं। वाराणसी में अब तक 3.21 लाख चालान हो चुके हैं।
वसूली में बरेली अव्वल
कानपुर पुलिस भले ही चालान करने में प्रदेश में दूसरे स्थान पर हो, लेकिन जुर्माना वसूली में कमजोर साबित हुई। 6.35 करोड़ की जुर्माना वसूली के साथ बरेली पहले स्थान पर है। इसके बाद 3.75 करोड़ रुपये की वसूली के साथ लखनऊ दूसरे, 3.12 करोड़ वसूल कर प्रयागराज तीसरे और 2.64 करोड़ वसूल कर उन्नाव चौथे स्थान पर है। कानपुर प्रदेश में सातवें स्थान पर रहा।
बिना मास्क चालान (संख्या लाख में)
वाराणसी : 3.21
कानपुर : 3.12
प्रयागराज : 2.65
लखनऊ : 2.64
गाजियाबाद : 1.68