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रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने की भी हामी भर रहे अपराधी, कानपुर पुलिस को मिले पांच मोबाइल नंबर

कोरोना संक्रमित की मदद का झांसा देकर जरूरतमंदों को आक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी की जांच में पुलिस को पांच मोबाइल नंबर मिले हैं। इसमें एक एक्टिव नंबर की लोकेशन मिलने पर उसकी तलाश शुरू कर दी गई है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 08:54 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 08:54 AM (IST)
रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने की भी हामी भर रहे अपराधी, कानपुर पुलिस को मिले पांच मोबाइल नंबर
आपदा का फायदा उठा रहे हैं अपराधी।

कानपुर, जेएनएन। ऑक्सीजन सिलिंडर की कालाबाजारी कर रहे अपराधी रेमडेसिविर इंजेक्शन को भी ब्लैक में बेच रहे हैं। पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि गिरोह के सदस्य ने पहले इंजेक्शन मुहैया कराने को लेकर टालमटोल की, पर बाद में इंतजाम करने के प्रयास करने की हामी भरी। पुलिस के हाथ कुछ मोबाइल नंबर लगे हैं। उनमें से एक सक्रिय नंबर की पुलिस ने लोकेशन निकलवाई है।

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ऑक्सीजन सिङ्क्षलडर की कालाबाजारी में एक अपराधी का गिरोह सक्रिय है। उसके गिरोह के सदस्य शहर से उन्नाव के बीच वाट््सएप ग्रुप और अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों को मदद का झांसा देकर अपने जाल में फंसाते हैं। बाद में जरूरतमंदों को 55 से 65 हजार रुपये में सिङ्क्षलडर बेचते हैं। इंटरनेट मीडिया पर डाली पोस्ट व एक बातचीत की रिकार्डिंग पुलिस के हाथ लगी थी।

छानबीन में पुलिस को पांच मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनके आधार पर गिरोह के सरगना और सदस्यों की तलाश की जा रही है। इनमेंं एक नंबर एक्टिव मिला, जिसकी सर्विलांस टीम की मदद से लोकेशन ट्रेस की गई तो बाबूपुरवा क्षेत्र में मिली। इस एक्टिव नंबर पर बातचीत करके रेमडेसिविर इंजेक्शन दिलाने को कहा गया तो पहले तो शातिर ने टालमटोल करते हुए इंजेक्शन मुहैया कराने से इन्कार कर दिया। बाद में उसने प्रयास करने की बात कही। इस बारे में जानकारी के लिए एसीपी गोङ्क्षवद नगर विकास कुमार पांडेय से संपर्क नहीं हो सका।

कई थानों की पुलिस को गिरोह की तलाश : बातचीत कर सौदा करने वाले ने इसकी जानकारी पुलिस कमिश्नर असीम अरुण को दी थी। पुलिस कमिश्नर ने नौबस्ता और किदवई नगर पुलिस को गिरोह की धरपकड़ के लिए सक्रिय किया था। बाद में कुछ अन्य थानों की पुलिस भी इसमें शामिल हो गई।

शहर के कई ड्रग कारोबारी पुलिस के रडार पर: रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस बैच नंबर के आधार पर छानबीन कर रही है। शहर के कई ड्रग कारोबारी भी पुलिस के रडार पर हैं। जल्द ही पुलिस इनसे पूछताछ कर सकती है।

यूपी एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने किदवई नगर चौराहे के पास रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते तीन लोगों को दबोचा था। पूछताछ में शातिरों ने अपना नाम बख्तौरीपुरवा निवासी मोहन सोनी, पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ल और यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार बताया था। आरोपितों के पास से 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए थे। सरगना मोहन ने बताया था कि पश्चिम बंगाल के अपूर्वा मुखर्जी से उसे 86 हजार रुपये लेने थे। तीन साल से अपूर्वा रकम वापस नहीं कर पाया था। इस पर उसने इंजेक्शन बेचने के लिए दिए थे। अब पुलिस बैच नंबर के आधार पर कंपनी से ब्योरा मांगकर किस-किस को सप्लाई दी गई, इसकी पड़ताल कर रही है। वहीं शहर के कई ड्रग कारोबारी संदेह के घेरे में हैं।

  • कई ङ्क्षबदुओं पर पुलिस टीमें काम करके कड़ी से कड़ी जोडऩे के प्रयास में लगी हैं। कुछ संदिग्ध लोगों पर निगाह रखी जा रही है। पुख्ता साक्ष्य मिलने पर पूछताछ की जाएगी। -रवीना त्यागी, डीसीपी साउथ

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