कानपुर में 48 घंटे में विवेचना पूरी करके तैयार की आरोपित के खिलाफ चार्जशीट, बच्ची से दुष्कर्म का मामला
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर बर्रा में बच्ची से दुष्कर्म की वारदात होने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्रदेश का पहला मामला है जिसमें पुलिस ने 48 घंटें में गवाहों के बयान जुटाकर विवेचना पूरी की है।
कानपुर, जेएनएन। सात मार्च की शाम आठ वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपित के खिलाफ पुलिस ने 48 घंटे में चार्जशीट तैयार कर दी है। कानपुर ही नहीं प्रदेश का यह पहला मामला है, जब पुलिस ने महज 48 घंटे में गवाहों के बयान व वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाकर विवेचना पूरी की और चार्जशीट सीओ दफ्तर भेज दी। बुधवार को उसे कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।
सात मार्च की दोपहर बर्रा आठ में रहने वाले एक निजी फर्मकर्मी की आठ वर्षीय बेटी घर के बाहर मोहल्ले के बच्चों के साथ खेल रही थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाला 55 वर्षीय शिवदास वर्मा बच्ची को टॉफी खिलाने का लालच देकर अपने घर ले गया और दरवाजा बंद करके बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची ने शोर मचाने की कोशिश की तो आरोपित ने उसे व पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी थी। इसके बाद आरोपित बच्ची को उसके घर पर छोड़ गया।
यही नहीं जब बच्ची की मां ने उसके कपड़े पर खून लगा देखा तो आरोपित ने कहा कि खेलते समय बच्ची के सरिया लग गई थी। रात में बच्ची की तबीयत बिगड़ गई तो स्वजन उसे हैलट अस्पताल लाए। जहां डॉक्टर ने जांच में दुष्कर्म होने की जानकारी देते हुए पुलिस के पास जाने के लिए कहा। तब स्वजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। बच्ची से पूछताछ की तो उसने पूरी घटना बताई। इसके बाद स्वजनों ने बर्रा थाने पहुंचकर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने देर रात ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था।
सीओ गोविंदनगर विकास पांडेय ने बताया कि आरोपित को जेल भेजने के बाद बच्ची की मां के कोर्ट में बयान कराए गए। इसके बाद गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, डॉक्टर के बयान आदि लेकर विवेचक एसएसआइ शीलेंद्र यादव ने चार्जशीट सीओ दफ्तर में दाखिल की है। यह प्रदेश का पहला मामला है, जब पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के मुकदमे में इतनी तेजी से विवेचना पूरी की।