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कानपुर में ताबड़तोड़ मोबाइल लूट को अंजाम देने वाले तक नहीं पहुंचे पुलिस के हाथ

पकड़े गए लुटेरों से पूछताछ में सामने आया कि शातिर लूटे गए मोबाइलों का आइएमईआइ नंबर सागर मार्केट के तीन दुकानों से बदलवाकर उन्हेंं औने पौने दामों पर बेचते थे। पुलिस ने दुकानदारों की धर पकड़ के लिए दबिश दी लेकिन वह भी दुकानें बंद करके फरार चल रहे हैं।

By Akash DwivediEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 02:43 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 02:43 PM (IST)
कानपुर में ताबड़तोड़ मोबाइल लूट को अंजाम देने वाले तक नहीं पहुंचे पुलिस के हाथ
आरोपितों के पास से 25 से अधिक मोबाइल बरामद हुए थे

कानपुर, जेएनएन। बर्रा पुलिस ने कुछ समय पहले शहर में ताबड़तोड़ मोबाइल लूटों को अंजाम देने वाले फतेहपुर के नौ मोबाइल लुटेरों के गैंग का राजफाश किया था। पुलिस ने बड़ी संख्या में लूट के मोबाइल बरामद किए थे। पुलिस ने आरोपितों पर गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए तत्कालीन डीआइजी को गैंगचार्ट बनाकर अनुमोदन के लिए भेजा था। पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से अनुमोदन नहीं मिल सका। बर्रा पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए नए सिरे से पुलिस कमिश्नर को गैंगचार्ट बनाकर भेजा है।

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शहर में ताबड़तोड़ मोबाइल लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले फतेहपुर के मोबाइल लुटेरे गैंग के नौ सदस्यों को पुलिस ने दबोचा था, जिसमें भगौना बिंदकी निवासी उत्कर्ष पटेल उर्फ भानू, देवरी बुजुर्ग जाफरगंज फतेहपुर निवासी नितिन कुमार, भलिगवां बकेवर निवासी अभिषेक उमराव, जाफरगंज निवासी प्रांशू उर्फ बबलू, कुंदेरामपुर चांदपुर निवासी सनी पटेल, असधना सजेती निवासी आदित्य पटेल, द्वारिकापुर जहानाबाद निवासी विशाल वर्मा, पुखरायां भोगनीपुर कानपुर देहात निवासी अॢपत सचान और गिरोह के सरगना जद्दूपुर बसंत खेड़ा जाफरगंज फतेहपुर निवासी मनीष कुमार उमराव उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के पास से 25 से अधिक मोबाइल बरामद हुए थे।

पकड़े गए लुटेरों से पूछताछ में सामने आया कि शातिर लूटे गए मोबाइलों का आइएमईआइ नंबर सागर मार्केट के तीन दुकानों से बदलवाकर उन्हेंं औने पौने दामों पर बेचते थे। पुलिस ने दुकानदारों की धर पकड़ के लिए दबिश दी, लेकिन वह भी दुकानें बंद करके फरार चल रहे हैं। थाना प्रभारी बर्रा हरमीत सिंह ने बताया कि पकड़े गए लुटेरों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए गैंगचार्ट बनाकर डीआइजी को अनुमोदन के लिए भेजा गया था। अनुमोदन मिलने से पहले ही जिले में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू हो गई, जिसके चलते अनुमोदन नहीं मिल सका था। अब पुलिस कमिश्नर से अनुमोदन के लिए नए सिरे से गैंगचार्ट बनाकर भेजा गया है। अनुमोदन मिलने पर लुटेरों पर गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी। 


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