कानपुर में जीटी रोड को ट्रैफिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करेगी कमिश्नरेट पुलिस
पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने डीसीपी यातायात के साथ जीटी रोड का मुआयना किया। पहले चरण में झकरकटी बस स्टैंड से जरीब चौकी का हिस्सा चिह्नित करके अतिक्रमण हटाने के साथ यातायात प्रबंधन के लिए आधुनिक उपकरण लगाने की तैयारी है।
कानपुर, जेएनएन। कमिश्नरेट पुलिस ने जाम से जूझ रही जीटी रोड को ट्रैफिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। फिलहाल पहले चरण में झकरकटी बस स्टैंड से जरीब चौकी तक का हिस्सा मॉडल के तौर पर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। यदि ये प्रयोग सफल रहा तो रामादेवी से मंधना तक जीटी रोड को यातायात प्रबंधन के लिए नजीर बनाया जाएगा।
जीटी रोड पर अतिक्रमण और जाम की समस्या आम है। रामादेवी चौराहा, टाटमिल चौराहा, झकरकटी पुल से अफीम कोठी चौराहा और अफीमकोठी से जरीब चौकी चौराहे तक राहगीरों को परेशानी होती है। दिनभर जाम के हालात रहते हैं। दैनिक जागरण ने शुक्रवार के अंक में इस समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त असीम अरुण और डीसीपी यातायात बीबीजीटीएस मूर्थी ने जीटी रोड का मुआयना किया।
बताया जा रहा है कि निरीक्षण के बाद रामादेवी से मंधना तक 21 किमी लंबे सड़क मार्ग को ट्रैफिक कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। पहले चरण के लिए झकरकटी से जरीबचौकी तक 2.4 किमी हिस्सा चिह्नित भी कर लिया गया है। दूसरे चरण में जरीब चौकी से रावतपुर क्राङ्क्षसग, तीसरे चरण में रावतपुर क्रासिंग से गुरुदेव का हिस्सा शामिल हो सकता है।
ट्रैफिक कॉरिडोर में यह होगा
- सड़क किनारे जीरो अतिक्रमण।
- सौंदर्यीकरण के साथ पूरे सड़क मार्ग पर डिवाइडर।
- सभी प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरों के साथ ट्रैफिक लाइट।
- गड्ढा मुक्त सड़क।
- सड़क पर आवश्यक संकेतांक।
- चौराहों पर फव्वारे और रंगीन लाइट।
- पैदल चलने वालों के लिए लगभग दो मीटर का फुटपाथ।
- साइकिल ट्रैक (संभावित)।
- जहां जगह होगी वहां ग्रीन बेल्ट भी विकसित की जाएगी।
- जीटी रोड से लगे ऐसे संपर्क मार्ग जहां से दो विभिन्न दिशाओं में जाने वाला यातायात निकलता है, वहां ऐसी व्यवस्था लागू की जाएगी ताकि यातायात बाधा न बने।
- सबसे बड़ी बात इस रोड पर ट्रैफिक पुलिस दिखाई नहीं देगी। सब कुछ तकनीक के हाथ में होगा। यातायात नियमों का पालन न करने पर चालान घर पहुंच जाएगा।
चार ट्रैफिक जोन में बांटा शहर
पुलिस आयुक्त असीम अरुण शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर बेहद गंभीर हैं। डीसीपी यातायात बीबीटीजीएस मूर्ति के सुझाव पर पुलिस आयुक्त ने शहर को चार ट्रैफिक जोन में बांटा है। हर जोन में एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर को प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा सभी जोन में पीक आवर्स की गणना की गई है। पीक आवर्स में संंबंधित चौराहों या सड़क मार्गों पर यातायात पुलिस तैनात की जाएगी, ताकि जाम न लगने पाए।