ब्लैक फंगस के नकली इंजेक्शन बेचने में दो और सौदागर गिरफ्तार, कानपुर पुलिस ने प्रयागराज में दबोचा
कानपुर पुलिस ने नकली इंजेक्शन के साथ पकड़े गए दो शातिरों से पूछताछ के बाद प्रयागराज में दबिश दी और कालिंदीपुरम में मेडिकल स्टोर चलाने वाले दो सौदागरों को पकड़ा है। पुलिस अब फरार सरगना की तलाश कर रही है।
कानपुर, जेएनएन। ब्लैक फंगस में कारगर लाइपोजोनल एम्फोटेरेसिन बी के नकली इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह के दो और सौदागर पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। प्रयागराज पुलिस की मदद से कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया। दोनों को कानपुर लाकर पूछताछ चल रही। इन आरोपितों से पुलिस को कई जानकारियां मिली हैं। हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी भी गिरोह का सरगना पुलिस की पकड़ से दूर है।
प्रयागराज के स्वरूपरानी मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉ. करन सिंह चौहान की सूचना पर एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय के नेतृत्व में ग्वालटोली पुलिस ने गुरुवार को लाइपोजोनल एम्फोटेरेसिन बी के 68 नकली इंजेक्शन व 1.80 लाख रुपये के साथ रतनदीप अपार्टमेंट निवासी ज्ञानेश शर्मा और के ब्लॉक यशोदा नगर निवासी प्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में गिरोह के तार लखनऊ, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज व नोएडा से जुड़े होने की जानकारी मिली। शनिवार को तीन टीमें लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी भेजी गई थीं।
एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि ज्ञानेश और प्रकाश से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने प्रयागराज के कालिंदीपुरम स्थित मधुरम मेडिकल स्टोर के मालिक मधुरम बाजपेयी और अग्रवाल मेडिकल स्टोर के मालिक पंकज अग्रवाल को हिरासत में लिया है। इनसे मिले दस्तावेज और पूछताछ में सामने आया है कि इनके ज्ञानेंद्र व प्रकाश से दवाओं का लेनदेन था। यह भी जानकारी मिली है कि गिरोह का सरगना कोई दूसरा व्यक्ति है। पुलिस के मुताबिक मधुरम कानपुर के बर्रा क्षेत्र में रतनदीप अपार्टमेंट के पास का रहने वाला है, जो प्रयागराज में मेडिकल स्टोर चला रहा है। ज्ञानेंद्र व मधुरम की गहरी दोस्ती है और दवाओं की कालाबाजारी में दोनों शामिल हैं।