अब सरकार के हाथों में कानपुर की रिंग रोड, सहमति के बाद जारी होगी भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना
कानपुर में आउटर रिंग रोड की कवायद तेजी से चल रही है इसके बनने से शहर में जाम की समस्या का निराकरण होने की उम्मीद है। प्रशासनिक स्तर पर प्राथमिक औचारिकताएं पूरी होने के बाद अब सरकार की सहमति पर भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होनी है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। रिंग रोड की स्थापना के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की ओर से अब राज्य सरकार से सहमति ली जाएगी। राज्य सरकार की सहमति के बाद ही भूमि अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी होगी और फिर आपसी सहमति से भूमि का बैनामा कराया जाएगा। चूंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों परियोजना का दिसंबर में शिलान्यास होना है ऐसे में केंद्रीय जल आयोग, बाढ़ नियंत्रण आयोग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई व अन्य विभागों से एनओसी के लिए आवेदन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर दी जाएगी। बाढ़ नियंत्रण आयोग और जल आयोग से एनओसी इसलिए ली जाएगी क्योंकि गंगा और पांडु नदी में रिंग रोड के पुल बनेंगे।
रिंग रोड पांच पैकेज में बनेगी। पहला पैकेज जीटी रोड पर रामनगर से कानपुर- इटावा हाईवे पर सचेंडी के पास तक है। इसे सबसे पहले कानपुर के बाईपास के रूप में बनाया जाना है। दूसरा पैकेज सचेंडी से रमईपुर के पास कानपुर- हमीरपुर हाईवे तक, तीसरा रमईपुर से कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर रूमा के पास, चौथा रूमा से कानपुर-लखनऊ उन्नाव हाईवे पर आटा के पास तक और पांचवां आटा से रामनगर तक बनेगा। सचेंडी से मंधना तक उन गांवों की अधिसूचना जारी हो गई है, जिनकी भूमि ली जानी है। अब कास्तकारों का सर्वे किया जा रहा है जो 20 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। दिसंबर के पहले हफ्ते तक राष्ट्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय से अधिसूचना जारी होगी और फिर किसानों से संवाद कर उनसे करार पत्र भरवाया जाएगा।