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दो माह पहले रची गई थी वकील की हत्या की साजिश, पुलिस के सामने अभी भी यह अनसुलझे सवाल

आइआइटी के पूर्व रजिस्ट्रार और अधिवक्ता राजाराम की हत्या की साजिश दो माह पहले रची गई थी। योजना के तहत शूटर अधिवक्ता से जमीन के खरीदार बनकर मिले थे। जमीन खरीदने के सिलसिले में कई बार मुलाकात की लेकिन सटीक मौका नहीं मिला।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Sat, 25 Dec 2021 10:52 PM (IST)Updated: Sat, 25 Dec 2021 10:52 PM (IST)
दो माह पहले रची गई थी वकील की हत्या की साजिश, पुलिस के सामने अभी भी यह अनसुलझे सवाल
पांचवी बार में दिया हत्या की घटना को अंजाम।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आइआइटी के पूर्व रजिस्ट्रार और अधिवक्ता राजाराम की हत्या की साजिश दो माह पहले रची गई थी। योजना के तहत शूटर अधिवक्ता से जमीन के खरीदार बनकर मिले थे। जमीन खरीदने के सिलसिले में कई बार मुलाकात की, लेकिन सटीक मौका नहीं मिला। हत्यारों ने इससे पहले भी चार बार वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए। पांचवी बार में शातिरों ने घटना को अंजाम दे डाला। 

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हत्या के आरोप में पकड़े गए ठेकेदार अंकित यादव से हुई पूछताछ में कहानी खुलकर आयी। अंकित और पकड़े गए शूटरों ने बताया कि राजाराम की हत्या की योजना दो माह पहले तैयार हुई थी। अंकित ने शूटरों को जमीन का खरीदार बताकर अधिवक्ता से कचहरी में मुलाकात कराई थी, लेकिन वह खुद सामने नहीं आया था। तय योजना के तहत पहले गला घोंटकर हत्या की योजना थी। शूटरों ने अलग-अलग स्थानों पर चार बार मौका तलाशा, लेकिन सफलता नहीं मिली।12 दिन पहले भी दोनों शूटर अधिवक्ता से मिलने के लिए कचहरी गए थे। वहां भी मौका तलाशा, लेकिन मिला नहीं। 

अगर कोई और बीच में आया तो उसे भी साइन कर देंगे

शूटरों और हत्या का ठेका लेने वाले अंकित के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग मिली है। जिसमें वारदात के वक्त की रिकार्डिंग सुनी गई तो पुलिस के होश उड़ गए। बातचीत में शूटरों ने कहा था कि भाई लगता है कि आज भी काम नहीं हो पाएगा। उसका फोन नहीं लग रहा है। आखिरी वक्त में अचानक घंटी जाने पर शूटर ने अंकित से कहा रखो-रखो काल लग गई है। कोड में बात करते हुए शूटर बोला कि आज तो साइन करके ही जाएंगे। अगर कोई बीच में आया तो उसे भी साइन कर देंगे। इससे साफ है कि वारदात के वक्त अंकित शूटरों के साथ फोन काल पर था। हत्या के बाद बदमाशों ने कहा कि भाई काम हो गया। करीब छह से सात रिकार्डिंग मिली हैं।  

रामखिलावन से अंकित को लेने थे सात लाख रुपये

 ठेकेदार अंकित से हुई पूछताछ में सामने आया है कि रामखिलावन उनसे पूर्व परिचित था। कई साल पहले उसने एक प्लाट प्रापर्टी डीलर रामखिलावन को बेचा था। जिसका सात लाख रुपये रामखिलावन पर बकाया था। इधर अंकित के पिता को बीमारी होने के चलते उसे रुपयों की जरूरत थी। इस काम की एवज में रामखिलावन ने रुपये देने के लिए कहा था। जिस पर अंकित ने दोनों शूटरों को तैयार किया था। शूटर रामखिलावन से सीधे संपर्क में नहीं थे। 

प्रापर्टी डीलर की तलाश में लगाई गई कई टीमें

डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि मामले में अभी हत्या का ठेका देने वाला प्रापर्टी डीलर रामखिलावन फरार है। उसके छह से अधिक मोबाइल नंबर हैं सभी बंद हैं।सर्विलांस समेत चार टीमें आरोपित की धर पकड़ के लिए लगाई गई हैं। संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। आरोपित ने घर पर अधिवक्ता होने का बोर्ड भी लगा रखा है।

अनसुलझे सवाल

- अगर प्रापर्टी डीलर से इतना विवाद चल रहा था कि बात हत्या कराने तक आ गई थी तो स्वजन ने प्रापर्टी डीलर को नामजद क्यों नहीं कराया।

- अगर विवाद की जानकारी थी तो शक के आधार पर पुलिस को नाम बता सकते थे।

-  रामखिलावन के संपर्क में और कौन-कौन लोग थे। जिन्हें राजाराम की हत्या से फायदा मिल सकता था।

- कहीं रामखिलावन राजाराम के पारिवारिक रिश्तेदारों के संपर्क में तो नहीं था।

- कहीं रामखिलावन एनआरआअ सिटी के मालिकों के संपर्क में तो नहीं था। 


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