Kanpur Naaptol Column: गुड मार्निंग पर छिड़ी रार, ये है शतरंज का खेल
कानपुर शहर में व्यापारिक राजनीति की हलचल को लेकर आता है नापतोल के कॉलम। व्यापारियों के वाट्सएप ग्रुप में आजकल समस्याएं कम प्रचार ज्यादा हो रहा है। व्यापार मंडल के एक वाट्सएप ग्रुप में गुड मार्निंग के संदेशों पर कपड़ा व्यापारी ने आपत्ति की है।
कानपुर, राजीव सक्सेना। व्यापार का बड़ा केंद्र कानपुर शहर में व्यापारिक गतिविधियों के साथ व्यारिक रजनीति हलचल भी खासा रहती है। इस हलचल में कई चर्चाएं खास होती हैं लेकिन सुर्खियां नहीं बन पाती हैं, जिन्हें चुटीले अंदाज में आपतक लेकर आता है हमारा नापतोल के कॉलम। आइए पढ़ते हैं इस बार नापतोल के कॉलम में क्या खास है...।
व्यापार नहीं, प्रचार ग्रुप
व्यापारियों के वाट्सएप ग्रुप में आजकल समस्याएं कम प्रचार ज्यादा हो रहा है। ग्रुप में शहर से छांट-छांट कर व्यापारी नेताओं को जोड़ा गया था। अधिकारियों की उम्मीद थी कि जब सभी ट्रेड और क्षेत्र के व्यापारी होंगे तो उनकी समस्याएं भी तुरंत सामने आ जाएंगी, जिन्हें चुटकियों में हल करा दिया जाएगा। बस यहीं अफसर व्यापारियों को समझने में चूक गए। ग्रुप में जुड़े इक्का-दुक्का व्यापारी ही समस्याएं सबके सामने लाते हैं वरना ज्यादातर लोग तो अपनी ही प्रशंसा करते रहते हैं। कभी अपनी तो कभी अपने बास की। कहने को ग्रुप में कुछ व्यापारी नेता सबसे ज्यादा सक्रिय हैं, लेकिन अफसर बुरा न मान जाएं, इसलिए वही बात कहते हैं जो अफसर को पसंद हो। प्रचार करने की हद तो तब हो गई, जब कुछ लोगों ने इसी ग्रुप पर अपने बिजनेस का प्रचार भी शुरू कर दिया। भाई इसी ग्रुप पर अपनी दुकानें भी बेच रहे हैं।
इसकी तो हवा निकलनी ही थी
यह तो सच है कि जो बना है, वो कभी न कभी बिगड़ेगा भी, लेकिन कुछ चीजें इतनी जल्दी बिगड़ जाती हैं कि मुंह से निकल ही जाता है कि इसकी तो हवा निकलनी ही थी। कुछ ऐसा ही हाल जीएसटी के खिलाफ संघर्ष के लिए बनाई गई कमेटी के साथ हो रहा है। सबसे ताजा मामला इसी सप्ताह का है। संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई। बैठक में तीन बड़े नेता गायब रहे। जैसे-तैसे बैठक निपटाई गई। आधा दर्जन नेताओं में से तीन नेताओं का गायब होना मोर्चा बनाने वालों को झकझोर गया है। उन्हें लग रहा है कि यह समिति अब बहुत दूर तक नहीं चलने वाली। दूसरी ओर जो नेता बैठक से दूर रहे, उनका कहना है कि समिति पर एक ही व्यापार मंडल का कब्जा हो गया है और सबकुछ उसके पदाधिकारियों के मुताबिक चल रहा है, इसलिए वे अब उस बैठक में नहीं जुड़ रहे।
गुड मार्निंग पर रार
व्यापार मंडल के एक वाट्सएप ग्रुप में गुड मार्निंग के संदेशों पर कपड़ा व्यापारी ने आपत्ति की- ग्रुप पर सिर्फ व्यापारी समस्याओं के संदेश डालें। संदेश डालने वाले नेता ने तुरंत माफी मांगी, लेकिन अगले दिन फिर गुड मार्निंग संदेश डाल दिया। आपत्ति करने वाले ने एक दिन पहले की बात याद दिलाई तो उन्होंने तड़ापड़ आधा दर्जन संदेश ग्रुप पर दोबारा शेयर कर दिए जो व्यापारी समस्या से जुड़े नहीं थे और उन पर आपत्ति नहीं की गई थी। अब उनकी आपत्ति थी कि जब दूसरों को नहीं रोका तो उन्हें क्यों रोका जा रहा। उन्होंने ग्रुप छोडऩे की धमकी दे दी। विवाद को जहां कुछ लोग थामने का प्रयास कर रहे थे, वहीं एक वरिष्ठ नेता ने माफी मांगने तक की बात कह दी। मामला फिलहाल शांत है, लेकिन आग कभी भी भड़क सकती है क्योंकि मैसेज डालने वाले और माफी की बात कहने वाले धुर विरोधी हैं।
शतरंज का खेल
संगठन में लोगों को आगे-पीछे करने का शतरंजी खेल हमेशा चलता रहता है। कभी किसी को आगे किया जाता है तो फिर किसी दूसरे को खुश करने के लिए कुछ कदम उसे भी बढ़ा दिया जाता है। कुछ ऐसा ही खेल इस समय एक राजनीतिक दल के व्यापार संगठन में चल रहा है। पिछले दिनों शहर में संगठन का कार्यक्रम हुआ। प्रदेश प्रमुख भी शहर में आए। बढिय़ा से पूरा कार्यक्रम भी हो गया। यह भी बताया गया कि कोरोना के चलते बहुत ज्यादा भीड़ नहीं होने दी गई। सभी से मिल कर मुस्कराते हुए प्रदेश प्रमुख विदा हुए, लेकिन अब उन्होंने दूसरे पक्ष को अपने कदम बढ़ाने के संकेत कर दिए हैं। जिले में उन्हें भी सदस्यता कराने के लिए कह दिया गया है। अब बहियां छपनी शुरू हो गई हैं। व्यापारियों का मानना है कि दोनों का विवाद चाहे जितना भी हो संगठन तो शहर में बढ़ेगा ही।