कानपुर नगर निगम को कूड़ा रोजाना करा रहा 31 हजार रुपये का फायदा, कंपनी से तोड़ दिया करार
कानपुर शहर में कूड़ा उठवाने में प्रतिदिन 93 हजार रुपये का खर्चा आ रहा था और अब नगर निगम दिन में 62 हजार रुपये में गंदगी उठवा रहा है। नगर निगम ने कूड़ा उठान करने वाली कंपनी से करार तोड़ दिया है और सीमित संसाधनों में काम कर रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। शहर से कूड़ा उठाने वाली कंपनी से काम छीने जाने के बाद नगर निगम को रोजाना 31 हजार रुपये की बचत हो रही है। 18 कंपैक्टर से रोज कूड़ा उठाने और प्लांट तक पहुंचाने के लिए कंपनी 93 हजार रुपये वसूल रही थी, वही काम अब नगर निगम सीमित संसाधनों से 62 हजार रुपये में कर रहा है।
कानपुर शहर से खुले कूड़ाघर हटाने के लिए नगर निगम ने 18 जगह कंपैक्टर लगाए थे। इनसे रोज कूड़ा उठाने से लेकर पनकी के डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचने की जिम्मेदारी नगर निगम ने गुरुग्राम की कंपनी रायल प्राइवेट लिमिटेड को एक साल पहले दी थी। कंपनी रोज के हिसाब से 93 हजार रुपये वसूल रही थी। इसके बाद भी सड़क पर गंदगी फैली रहती थी। नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने सुधार न होने पर कंपनी से अनुबंध तोड़ दिया। इसके बाद 14 दिसंबर 2021 से नगर निगम ने अपने सीमित संसाधनों से कूड़ा उठाना शुरू किया। इससे नगर निगम के 31 हजार रुपये रोज के हिसाब से बचने लगे हैं।
ऐसे कंपनी कर रही थी सफाई
-325 रुपये प्रति मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण के हिसाब से वसूल रही थी।
-280 रुपये प्रति मीट्रिक टन कूड़े के निस्तारण में नगर निगम का खर्च हो रहा है।
क्या कहते हैं लोग
-कूड़ा उठाने में लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाए। घर-घर से कूड़ा उठने लगे तो गंदगी पूरी तरह शहर से खत्म हो जाएगी। -निखिल सोनकर, कर्नलगंज
-सफाई के नाम पर केवल खानापूरी होती है। कंपैक्टर लगाए थे, लेकिन वह कई दिनों तक गंदगी भरे खड़े रहे। ऐसे सफाई अभियान से क्या फायदा। -दीपक द्विवेदी, इंदिरा नगर
-जांच कराऊंगी कि किस आधार पर कंपनी को ठेका दिया गया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -प्रमिला पांडेय, महापौर