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Kanpur Metro Project: आग लगने या किसी और हादसे की स्थिति में टनल से मिलेगी Exit, डिपो में होगी मेट्रो की मरम्मत

मंडलायुक्त ने मेट्रो के कार्यों का निरीक्षण किया आपदा की स्थितियों के बारे में जाना। अधिकारियों ने बताया कि टनल हर 240 मीटर के बाद एक दूसरे से जुड़ी हुई होगी। प्रशासनिक कार्यालय नियंत्रण कक्ष पीडी कार्यालय यार्ड निर्माणाधीन हैं जिनका जुलाई 2021 तक निर्माण पूरा हो जाएगा।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 06:40 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 06:40 AM (IST)
Kanpur Metro Project: आग लगने या किसी और हादसे की स्थिति में टनल से मिलेगी Exit, डिपो में होगी मेट्रो की मरम्मत
आइआइटी मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण करते हुए मंडलायुक्त।

कानपुर, जेएनएन। अंडरग्राउंड मेट्रो में आग लगी या कोई दूसरा हादसा हुआ तो यात्रियों को समानांतर टनल से निकाला जाएगा। यह समानांतर टनल हर 240 मीटर पर एकदूसरे से जुड़ी रहेगी। यह जानकारी मेट्रो के अधिकारियों ने मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर को पॉलीटेक्निक स्थित मेट्रो डिपो व आइआइटी मेट्रो स्टेशन के निरीक्षण के दौरान दी। अधिकारियों ने बताया कि कानपुर में 40 मेट्रो ट्रेनों का इस्तेमाल होगा, जो 20 वर्षों के लिए पर्याप्त है। अगर आगे आवश्यकता होगी तो ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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मेट्रो अधिकारियों ने मंडलायुक्त को बताया कि अंडरग्राउंड मेट्रो में दो टनल होती हैं। दोनों हर 240 मीटर पर आपस में जुड़ी रहती हैं। टनल में एग्जास्ट फैन धुएं को बाहर निकालते हैं। टनल कनेक्टिविटी के स्थान पर फायर प्रूफ दरवाजे होते हैं ताकि आग एक टनल से दूसरी टनल में न फैले। मंडलायुक्त ने परियोजना निदेशक अरङ्क्षवद कुमार को निर्देश दिए कि मेट्रो और जिला प्रशासन सभी तरह की आपदा पर बेहतर समन्वय के लिए तीन माह में अपनी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दें।

डिपो से रखी जाएगी परिचालन पर नजर

मेट्रो डिपो के निरीक्षण में अधिकारियों ने मंडलायुक्त को बताया कि यहां मेट्रो ट्रेनों को खड़ा करने के साथ मरम्मत की जरूरी सुविधाएं रहेंगी। मेट्रो का संचालन, निगरानी व नियंत्रण डिपो में बनने वाले ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर से होगा।

आइआइटी स्टेशन का टेक्निकल रूम देखा

आइआइटी स्टेशन पर मंडलायुक्त ने टेक्निकल रूम के ढांचे के साथ, फर्श तैयार करने, ग्रेनाइट बिछाने और ग्लास लगाने का काम भी देखा।

वर्कशाप और यार्ड में 10 ट्रैक

 प्रशासनिक कार्यालय, नियंत्रण कक्ष, पीडी कार्यालय, यार्ड निर्माणाधीन हैं, जिनका जुलाई 2021 तक निर्माण पूरा हो जाएगा। वर्कशॉप और यार्ड में 10 ट्रैक रहेंगे। जरूरत पर सात और ट्रैक बन सकेंगे।

सुबह छह बजे से संचालन

अधिकारियों ने बताया कि सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक मेट्रो चलेगी। जरूरत पर संचालन का समय बढ़ाया जा सकता है। आइआइटी से मोतीझील के सभी नौ स्टेशनों के लिए शटल बस उपलब्ध रहेंगी। मंडलायुक्त ने एक माह में शटल बसों की योजना देने के लिए कहा।

हाउस टू हाउस सर्वे करें

मंडलायुक्त ने सिटी बस के एमडी और पीडी मेट्रो से स्टेशनों के पास के क्षेत्रों में हाउस टू हाउस सर्वे करने के लिए कहा। कहा कि स्टेशनों और मेट्रो के अंदर की सुविधाएं जनता को बताएं।


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