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नए साल पर कानपुर को मेट्रो का तोहफा, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम कर रहा UPMRC

Kanpur Metro Project मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक पूरा पालीटेक्निक डिपो स्टेशन इस हिसाब से बनाए जा रहे हैं जहां भविष्य में जब यात्रियों की संख्या बढ़े और ज्यादा ट्रेनों की जरूरत हो तो उन्हें डिपो में खड़ा करने में कोई मुश्किल ना हो।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 01:24 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 05:33 PM (IST)
नए साल पर कानपुर को मेट्रो का तोहफा, भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम कर रहा UPMRC
Kanpur Metro Project: कानपुर में चलने वाली मेट्रो की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Kanpur Metro Project मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) कानपुर मेट्रो ट्रेन के पहले ट्रायल रन को हरी झंडी दिखाने बुधवार को शहर आ रहे हैं। यह कानपुर मेट्रो के लिए बहुत बड़ा क्षण होने जा रहा है। हालांकि कानपुर मेट्रो (Kanpur Metro) इस वर्ष के अंत में यात्रियों के लिए चलेगी। मेट्रो प्रबंधन कानपुर में मेट्रो का यह सिस्टम अगले 30 वर्ष के हिसाब से बना रहा है।

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मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक पूरा पालीटेक्निक डिपो, स्टेशन इस हिसाब से बनाए जा रहे हैं जहां भविष्य में जब यात्रियों की संख्या बढ़े और ज्यादा ट्रेनों की जरूरत हो तो उन्हें डिपो में खड़ा करने में कोई मुश्किल ना हो। कानपुर में मेट्रो के दो कारीडोर बनाए जा रहे हैं जिनमें शुरुआती दौर में 39 ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन सभी में तीन-तीन कोच रहेंगे। आइआइटी से नौबस्ता तक जाने वाले कारीडोर एक की ट्रेनों को खड़ा करने के लिए पालीटेक्निक डिपो बनाया गया है। यह मेट्रो का प्रमुख डिपो है जो हमेशा ट्रेनों के संचालन में मुख्य भूमिका अपनाएगा। सीएसए से बर्रा आठ तक जाने वाले दूसरे कारीडोर की ट्रेनों को खड़ा करने के लिए सीएसए में ही डिपो बनाया जा रहा है।

मेट्रो में जब मेट्रो योजना का विस्तार किया जाएगा तो उस स्थान के हिसाब से वहां छोटे-छोटे डिपो बनाए जाएंगे लेकिन पालीटेक्निक का डिपो तब भी वैसे ही रहेगा। वर्तमान में जो ट्रेनें चलेंगी वे यात्रियों की संख्या के हिसाब से अगले 15 वर्ष के लिए पर्याप्त मानी जा रही हैं। मेट्रो के सर्वे के मुताबिक जब यात्रियों की संख्या बढ़ेगी तो पहले एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन ट्रेन के पहुंचने के समय में कमी लायी जाएगी। इसके बाद ट्रेन में कोच बढ़ाकर यात्रियों की क्षमता बढ़ाई जाएगी। उस समय इनकी संख्या तीन की जगह चार कर दी जाएगी। इसके बाद भी यात्रियों संख्या बढ़ेगी तो नई ट्रेनों को लाया जाएगा।

मेट्रो प्रबंध निदेशक कुमार केशव के मुताबिक 2050 तक की यात्रियों की क्षमता के हिसाब से मेट्रो का पूरा प्रोजेक्ट है। आगे जैसे-जैसे जरूरत पडे़गी विस्तार किया जाता रहेगा।


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