चकेरी पहुंचे कैटल कैचिंग दस्ते से चट्टा संचालकों ने की अभद्रता, पथराव में महापौर को आई चोट
महापौर ने साफ कहा कि पूर्व पार्षद के बहकावे में आकर ही क्षेत्रीय लोगों उनका घेराव कर पथराव भी किया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों समेत सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंचा। करीब तीन घंटे चली बातचीत के बाद क्षेत्रीय लोग शांत हुए।
कानपुर, जेएनएन। शहर में बने अवैध चट्टों से मुक्ति दिलाने को गुरुवार को महापौर प्रमिला पांडेय कैटल कैचिं दस्ते के साथ चकेरी के गदियाना मोहल्ला पहुंची। यहां पर दस्ते को क्षेत्रीय लोगों ने घेर लिया। दस्ते ने पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान एक पत्थर महापौर के पैर में लग गया इससे चुटहिल हो गईं। इसको देखकर प्रवर्तन दस्ते के साथ मौके पर मौजूद पीएसी बल ने महापौर को भीड़ से सुरक्षित निकालकर पास मौजूद 37 पीएसी बटालियन शिविर ले गयी। महापौर ने साफ कहा कि पूर्व पार्षद के बहकावे में आकर ही क्षेत्रीय लोगों उनका घेराव कर पथराव भी किया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारियों समेत सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंचा। करीब तीन घंटे चली बातचीत के बाद जुर्माना देकर पकड़े गए मवेशियों को छोडऩे की बात पर क्षेत्रीय लोग शांत हुए। बाद में नगर निगम ने शाम को 18 भैंसों की साढ़े चार लाख रुपये में नीलामी की।
सपाइयों ने पहुंचकर की वार्ता
बवाल की आशंका पर नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी, एसीएम द्वितीय अमित राठौर समेत सर्किल का फोर्स मौके पर पहुंचा। वहीं सपा विधायक इरफान सोलंकी व कांग्रेस विधायक सुहैल अंसारी समेत सपा नेता मोहम्मद हसन रूमी ने मौके पर पहुंच कर महापौर से चट्टा संचालकों के पक्ष में बातचीत की। इस बीच महापौर वाहनों में बंद मवेशियों को ले जाने की बात पर अड़ी रहीं।
जनवरी तक हटाएं चट्टे
नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि अभियान के दौरान 18 मवेशियों को पकड़ा गया, जिन्हें 25 हजार रुपये प्रति मवेशी जुर्माना देकर छुड़ाया जा सकता है। साथ ही जिन संचालकों ने अपने मवेशियों की जानकारी नगर निगम को दी है, उन्हें चट्टा हटाने के लिए जनवरी तक का समय दिया गया है।
महापौर का ये है कहना
महापौर ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि मवेशियों को पकडऩे के दौरान पूर्व पार्षद एहसान खान मौके पर पहुंच गए। उन्होंने धार्मिक स्थल से एनाउंसमेंट करवा कर लोगों को भड़काया। आक्रोशित भीड़ ने न केवल उनके वाहन का घेराव किया, बल्कि पथराव भी हुआ। उनके पैर में एक पत्थर लगा है इससे चोट आ गई।
पूर्व पार्षद का तर्क
पूर्व पार्षद का एहसान खान का कहना है कि अदालत से स्टे होने के बावजूद टीम जबरदस्ती मवेशियों को पकड़कर ले जा रही थी। उन्हें अदालत के आदेश का हवाला देकर ऐसा करने से रोका गया था। धार्मिक स्थल से एनाउंसमेंट कर भीड़ को भड़काने और पथराव की बात गलत है।