Rain Water Harvesting के लिए कानपुर की मेयर ने निकाली अनोखी तरकीब, अफसरों से की क्रियान्वयन योजना पर चर्चा
वर्ष जल संचयन को लेकर कानपुर की महापौर बेहद गंभीर हैं और उन्होंने अफसरों के साथ बैठक करके शहर में खराब व बंद पड़े हैंडपंपों का प्रयोग करने पर चर्चा की है। पांच हजार से ज्यादा हैंडपंपों की बोरिंग का प्रयोग इस काम के लिए हो सकता है।
कानपुर, [राहुल शुक्ल]। शहर में बंद पड़े हैंडपंप वर्षा जल संचयन का प्रमुख स्रोत बन सकते हैं। इनका प्रयोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तौर पर किया जाए तो भूगर्भ जलस्तर में बड़ा सुधार होगा। इसके लिए महापौर ने कवायद शुरू की है और बंद हैंडपंपों की बोरिंग का प्रयोग वर्षा जल संचयन के लिए करने को लेकर अफसरों से भी बात की है।
भूगर्भ जलदोहन की वजह से जलस्तर तेजी से गिर रहा है। इस वजह से शहर में लगे पांच हजार से ज्यादा हैंडपंप ठप पड़े हैं। इनकी मशीनों को भी लोग निकाल ले गए हैं। यदि इन्हें ठीक कराया जाए तो प्रत्येक हैंडपंप के लिए कम से कम 45 हजार रुपये का खर्च आएगा। इनकी जगह यदि नया हैंडपंप लगाया जो तो खर्च पांच से दस हजार रुपये और बढ़ जाएगा। यानी हैंडपंप ठीक कराने के लिए ही निगम को करोड़ों रुपये की आवश्यकता होगी।
इसे देखते हुए पिछले साल खराब हैडपंपों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के रूप में प्रयोग करने को लेकर महापौर प्रमिला पांडेय ने अफसरों के साथ बैठक की थी। प्रयोग के तौर पर इसे एक हैंडपंप से शुरू किया जाना था, लेकिन कोरोना संकट की वजह से यह पहल परवान नहीं चढ़ सकी। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि एक बार फिर इस योजना पर काम शुरू किया जाएगा। इससे भूगर्भ जलस्तर बढ़ेगा। इसके अलावा शहर में स्थित कुओं को भी साफ कराया जाएगा। तालाबों को बचाने की मुहिम भी शुरू हो चुकी है।
हैंडपंपों की स्थिति
बंद पड़े हैंडपंप - पांच हजार
बंद - लगभग चार साल से
हर साल बंद हो रहे - दो सौ से ज्यादा
वर्तमान में हैंडपंप लग रहे - दो सौ फीट से ज्यादा गहराई पर
बंद पड़े हैंडपंप लगे है - 120 से 150 फीट तक पर
नया हैंडपंप लगता - 50 हजार रुपये का
रीबोर में भी आएगा खर्च - लगभग 45 हजार
प्रयोग हो सकते - बारिश के पानी को सहेजने में