बंद पड़े मंदिरों का सर्वे करने में जुटी मठ मंदिर समिति, स्थानीय पुजारी काे दी जाएगी आरती की जिम्मेदारी
इससे लोगों की धर्म के प्रति आस्था भी बढ़ेगी । जरूरत पड़ने पर मंदिरों के सुंदरीकरण का कार्य किया जाएगा। रंगाई पुताई फुलवारी की व्यवस्था भी की जाएगी। मालियों से फूल बनाने की व्यवस्था की जाएगी। कई मठ मंदिरों के महंत शामिल है।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर मठ मंदिर समिति उन मंदिरों में पूजन अर्चन कराएगी जहां किसी आचार्य द्वारा पूजन नहीं होता है सिर्फ आम जनता ही आकर पूजन करती है। पुजारी नहीं होने से शाम को पट भी समय से बंद नहीं होते और आरती भी नहीं हो पाती हैं। समिति ने ऐसे मंदिरों का सर्वे करने का निर्णय लिया गया है । जब उनकी सूची बन जाएगी तो वहां पास के ही किसी आचार्य या मंदिर के पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति को समय-समय पर आरती की जिम्मेदारी दी जाएगी। भोग आरती, मंगला आरती, शयन आरती समय से होगी और भक्त इसमें शामिल हो सकेंगे। समय से पट बंद होंगे और समय से खुलेंगे। समिति पूजन के लिए भी पूजन सामग्री शंख, घंटा घंटी आदि उपलब्ध कराएगी और वहां के लोगों को आरती करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। जिले में 8000 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर हैं।
मंदिरों के सर्वे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मीडिया प्रभारी संत मिश्रा, संरक्षक शेष नारायण त्रिवेदी ने बताया कि 2 माह के अंदर सर्वे का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इससे लोगों की धर्म के प्रति आस्था भी बढ़ेगी । जरूरत पड़ने पर मंदिरों के सुंदरीकरण का कार्य किया जाएगा। रंगाई, पुताई, फुलवारी की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि प्रभु को समय से पुष्प अर्पित हो सके ऐसे मंदिर जहां फूलों के पौधे नहीं लगाए जा सकते हैं, गमले रखने की व्यवस्था नहीं है वहां मालियों से फूल बनाने की व्यवस्था की जाएगी।
दाे दिन पहले ही कानपुर मठ मंदिर समिति का गठन किया गया था। समिति में पनकी हनुमान मंदिर के महंत श्री कृष्ण दास, श्री हनुमत कृपा आश्रम के महंत बाल योगी अरुणपुरी चैतन्य, महामंडलेश्वर स्वामी विनय स्वरूपानंद सरस्वती, उडितनन्द ब्रह्मचारी समेत कई मठ मंदिरों के महंत शामिल है।