जल निगम अफसरों व कर्मियों को पांच माह से नहीं मिला वेतन, शहर के विकास कार्य हो सकते हैं प्रभावित
समिति ने जल निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है कि प्रतिमाह वेतन और पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराया जाए। पूरा बकाया दिया जाए और मृतक आश्रितों को नौकरी दी जाए। मांगों का निस्तारण नहीं होने पर 12 फरवरी से धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। जल निगम के अफसरों व कर्मचारियों को पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इसका असर अब सीवरेज और पेयजल योजना पर पडऩे लगा है। बकाया न मिलने से नाराज कर्मचारियों ने आंदोलन के साथ-साथ शहर में चल रहे कामों को बंद करने की चेतावनी दी है।
उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के संयोजक डीपी मिश्रा ने बताया कि सितंबर 2020 से वेतन और पेंशन नहीं मिल रही है। सरकार सेंटेज नहीं दे रही है। हर विकास कार्य के प्रोजेक्ट में जल निगम के अफसरों और कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए 12.5 फीसद सेंटेज शामिल होता है। अब सरकार विकास कार्य भी लघु सिंचाई विभाग को दे रही है, जिन्हें सीवर और पेयजल का अनुभव नहीं है। सिर्फ नलकूप लगाए जा रहे हैं। इसे लेकर कई बार शासन को पत्र भी भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब समिति ने जल निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है कि प्रतिमाह वेतन और पेंशन का भुगतान ट्रेजरी से कराया जाए। पूरा बकाया दिया जाए और मृतक आश्रितों को नौकरी दी जाए। मांगों का निस्तारण नहीं होने पर 12 फरवरी से धरना प्रदर्शन किया जाएगा। मांगे नहीं मानी गईं तो 23 फरवरी को सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
यह काम होंगे प्रभावित
- बैराज से जलापूर्ति और पाइपों की जांच
- 370 करोड़ रुपये से वार्डों में सीवर लाइन की सफाई
- वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन व रखरखाव।
- लीकेज ठीक कराने के कामकाज