कानपुर हादसाः सपा नेता और केडीए की लापरवाही से अब तक आठ की मौत
सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष की निर्माणाधीन अवैध इमारत के मलबे में दबे तीन और शव गुरुवार को निकाले। इस हादसे में मृतकों की संख्या आठ पहुंच गई है।
कानपुर (जेएनएन)। जाजमऊ के गज्जूपुरवा में ढही अवैध इमारत के मलबे से 15 घंटे बाद एक गरीब परिवार की खुशी बचकर निकल आई। बकौल सुजीत बेसमेंट में दाखिल होने के लिए जगह बनाई गई। लाइफ डिटेक्टर मशीन लेकर बीम के नीचे हाथ बढ़ाया। तभी उन्हें अहसास हुआ कि नीचे कोई बॉडी है। दूसरा हाथ अंदर ले गए तो महसूस हुआ कि किसी ने कलाई पकड़ी है। नजरें बीम की तरफ की तो पता चला कि मदद की आस में एक बच्ची उनकी कलाई पकड़े हुए है। फिर क्या, मलबे को तितर-बितर कर करीब 14 मिनट में बच्ची को बाहर निकाल लिया। बदहवास मासूम सुशीला अपने रक्षक सुजीत के ही गले चिपक कर दहाड़ मारकर रोने लगी। सुशीला के शरीर में मामूली खरोचें आई थीं, इसलिए उसे उपचार के लिए हैलट अस्पताल भेज दिया गया। बाहर हताश खड़े बेबस पिता छत्तीसगढ़ निवासी मजदूर सीताराम ने बेटी को देखा तो बदहवास से हो गए। दौड़े और लपक कर उसे गोद में ले लिया। अपनी लाडली को 'खो चुका मानकर आंसू भी सुखा चुकी मां लक्ष्मी देवी के लिए इस नजारे पर यकीन करना भी आसान न था।
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बता दें, बुधवार को दोपहर करीब सवा एक बजे सपा नेता मेहताब आलम की छह मंजिला अवैध इमारत भरभराकर ढह गई थी, जिसमें 50 से अधिक लोग फंसे गए। प्रशासन पांच लोगों की मौत की पुष्टि पहले ही कर चुका है जबकि 17 लोगों को जीवित बाहर निकाला गया। गुरुवार भोर साढ़े चार बजे तीन वर्षीय सुशीला पुत्र सीताराम निवासी छत्तीसगढ़ को जिंदा बाहर निकाला गया। दोपहर करीब एक बजे जवानों को पता चला कि बेसमेंट के पास सीढ़ी पर एक शव फंसा हुआ है। जेसीबी मशीन की मदद से जवानों ने आपरेशन शुरू किया। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद एक युवक का शव साढ़े तीन बजे बाहर निकाला जा सका।
इनकी हुई शिनाख्त
शवों की शिनाख्त सर्वेश कुशवाहा निवासी तिलसहरी बुजुर्ग, महाराजपुर, शिवस्वरूप कुशवाहा निवासी अरंजहामी साढ़, घाटमपुर, रामसेवक उर्फ गुड्डू पाल निवासी गौरैया, महाराजपुर, रामसिंह निवासी 173 ई ब्लाक श्याम नगर, कानपुर, निर्मला बाई वैष्णो पत्नी राजू दास निवासी रमपुरा, लोहारा कबीर धाम छत्तीसगढ़ के रूप में हुई।
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सुपरवाइजर समेत पांच निलंबित
सपा नेता मेहताब आलम की अवैध इमारत ढहने के मामले में केडीए उपाध्यक्ष जयश्री भोज ने गुरुवार को सुपरवाइजर चन्द्रसेन अवस्थी, बेलदार राम विलास, मेट शिव आधार सिंह, चपरासी अमर सिंह व बेलदार राम किशन को निलंबित कर दिया। इसके अलावा अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता और अïवर अभियंता को निलंबित करने की संस्तुति शासन से की है। केडीए सचिव केपी सिंह की अध्यक्षता में मुख्य अभियंता सरवत अली और मुख्य नगर नियोजक आशीष शिवपुरी की अगुआई में समिति गठित की गयी है। एक हफ्ते में जांच रिपोर्ट समिति देगी।
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मौत तो उसे अपनी आगोश में सुलाने के लिए 15 घंटे गोद में डाले रही। मगर, वो मासूम तो जैसे जिंदगी की जिद पकड़े थी। इस नन्हीं सी जान की जीजिविषा को सलाम! मलबा कुरेद रहे एनडीआरएफ जवान सुजीत कुमार ने जैसे ही बीम की तरफ हाथ बढ़ाया, एक कोमल छुअन ने उनके रोंगटे खड़े कर दिए। उन्हें सहसा यकीन ही नहीं हुआ कि मलबे के ढेर में दबी एक मासूम उनकी कलाई थाम कर जिंदगी के लिए छटपटा रही है। फिर ठीक सूरज की तरह यह 'फरिश्ता मौत का अंधेरा चीरकर मासूम सुशीला को जिंदगी की भोर में ले आया। वहीं, सेना और एनडीआरएफ की टीम ने सपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष की निर्माणाधीन अवैध इमारत के मलबे में दबे तीन और शव गुरुवार को निकाले। इस हादसे में मृतकों की संख्या आठ पहुंच गई है। एक शव दोपहर में, दूसरा रात करीब साढ़े 10 बजे महिला का व तीसरा शव साढ़े 11 बजे निकाला गया। तीनों शवों की शिनाख्त नहीं हुई है।
छठी लाश निकलने के बाद डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया था कि करीब 25 और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिन्हें सही सलामत बाहर निकालने की दिशा में अभियान चल रहा है। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस और एयरफोर्स के जवानों ने आपरेशन और तेज कर दिया है।