कानपुर में नकली सोना गिरवी रखकर बैंक से हड़पा लोन, पुलिस ने दो आरोपित को पकड़ा
बिरहाना रोड स्थित आइसीआइसीआइ बैंक शाखा से दो बार में लिया 8.14 लाख का लोन तीसरी बार 240 ग्राम सोने के जेवर लेकर पहुंचे तो प्रबंधक ने पकड़कर पुलिस को सौंपा शाखा प्रबंधक के मुताबिक चार जनवरी को बैंक ने गोल्ड लोन का ऑडिट कराया
कानपुर, जेएनएन। दो शातिरों ने आइसीआइसीआइ बैंक की बिरहाना रोड शाखा में नकली सोना गिरवी रखकर 8.14 लाख रुपये का लोन हासिल कर लिया। सोमवार को गोल्ड लोन के ऑडिट के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया।
शाखा प्रबंधक अनुराग तिवारी ने दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। तहरीर के मुताबिक 22 दिसंबर को सुजातगंज नई बस्ती निवासी मो. सिराजुद्दीन और साउथ दिल्ली ओखला स्थित जामिया नगर निवासी रहीसुद्दीन मलिक आइ ट्वेंटी कार से बैंक आए और गोल्ड लोन लेने के लिए आवेदन किया। उन्होंने 54.94 ग्राम सोने के आभूषण दिए,जिसके बाद 2.02 लाख रुपये मो. सिराजुद्दीन के नाम से ऋण खाता खोलकर गोल्ड लोन दे दिया गया। इसके बाद 28 दिसंबर को दोनों आरोपितों ने दोबारा नए गोल्ड लोन के लिए आवेदन दिया। उन्होंने बैंक को 181.61 ग्राम वजन के आभूषण दिए। इन आभूषणों के एवज में मो. सिराजुद्दीन के नाम से दूसरा ऋण खाता बनाकर 6.12 लाख रुपये का लोन फिर से जारी कर दिया गया था। चार जनवरी को गोल्ड लोन के ऑडिट के दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया। उसी दिन आरोपित मो. सिराजुद्दीन व रहीसुद्दीन फिर 240 ग्राम सोने के जेवर लेकर लोन लेने आए। वैल्युअर मनीष ने उन जेवरों की जांच की तो वह भी फर्जी निकले। बैंक कर्मचारियों की मदद से आरोपितों को दबोच लिया गया। सीओ कलक्टरगंज गीतांजलि ने बताया कि धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
जेवरों पर लगा था हॉलमार्क , जांच शुरू
आरोपितों द्वारा दिए गए आभूषणों पर हॉलमार्क लगा था। ऐसे में बैंक अधिकारियों ने लोन देने से पहले तुरंत इन जेवरों की जांच नहीं कराई। फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद हॉलमार्क सेंटर भी पुलिस जांच के दायरे में आ गया है।