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कानपुर में एचबीटीयू प्रशासन छात्रों की कुछ शर्तों पर हुआ तैयार, छात्रावास में सात से दस दिन पहले आ सकेंगे छात्र

विश्वविद्यालय की ओर से बीटेक एमटेक और पीएचडी अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षा 17 से 22 जनवरी तक प्रस्तावित है। इसका निर्धारण होते ही काफी संख्या में छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग की।

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 04:10 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 05:33 PM (IST)
कानपुर में एचबीटीयू प्रशासन छात्रों की कुछ शर्तों पर हुआ तैयार, छात्रावास में सात से दस दिन पहले आ सकेंगे छात्र
जबकि सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था स्वयं छात्रों को करनी होगी

कानपुर, जेएनएन। हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एचबीटीयू) में ऑफलाइन परीक्षा को लेकर मचे घमासान पर शुक्रवार की शाम को कई अहम फैसले हो सकते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एकेडमिक काउंसिल की बैठक बुलाई है, जिस पर परीक्षा के संबंध में गहन विचार विमर्श किया जाएगा। हालांकि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने छात्रों की कुछ शर्तों पर हामी भर दी है। छात्र परीक्षा से सात से दस दिन पहले छात्रावास में आ सकेंगे। वहीं पर उन्हेंं क्वारंटाइन होना पड़ेगा। भोजन की व्यवस्था की जाएगी। परीक्षा कक्षों की संख्या बढ़ाने की तैयारी की गई है। छात्रों को कोविड नियमों का पूरा पालन कराया जाएगा। हॉस्टल में न रहने वाले छात्रों को भी मास्क लगाकर आना अनिवार्य है, जबकि सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था स्वयं छात्रों को करनी होगी। 

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विश्वविद्यालय की ओर से बीटेक, एमटेक और पीएचडी अंतिम वर्ष के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षा 17 से 22 जनवरी तक प्रस्तावित है। इसका निर्धारण होते ही काफी संख्या में छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग की। कई छात्रों ने जनसुनाई पोर्टल, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, शिक्षा मंत्री को ट्वीट कर शिकायत की। छात्रों के संग उनके अभिभावक भी आ गए। उन्होंने यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया। कुछ छात्रों ने गेट के छह फरवरी के आयोजन के बाद परीक्षाएं रखने की मांग की है। करीब 200 छात्रों ने कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार आदि को ई-मेल भी किया है। कुछ ने यूजीसी के चेयरमैन को मेल करके शिकायत की है। शुक्रवार को सुबह 10 से शाम चार बजे तक कुलपति को उनके मोबाइल पर कॉल अपनी बात रखने की मुहिम भी चलाई गई। 

छात्रों की प्रमुख मांगें

दूसरे शहरों से आने वाले छात्रों को क्वारंटाइन किया जाए। 

 छात्रावास के अंदर ही खाने की सुविधा मिले। 

 स्टाफ की भी कोविड-19 की जांच कराई जाए। 

 विश्वविद्यालय की डिस्पेंसरी में ऑक्सीजन का स्टॉक रहे। 

 विश्वविद्यालय में मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जाए। 

 कैंपस और एकेडमिक भवन तक आने जाने की सुविधा दी जाए। 

 एनआइटी, आइआइटी ऑनलाइन परीक्षा करा रहे हैं तो विश्वविद्यालय क्यों नहीं करा रहा है। 

 कोरोना संक्रमित होने पर किसकी जिम्मेदारी होगी। 

 परीक्षा की तारीख के बीच में समय कम है। 

इनका ये है कहना

कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने कहा कि सभी बड़े संस्थान और विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षा करा रहे हैं। शासन ने भी 50 फीसद क्षमता से पढ़ाई शुरू कराने का निर्देश दिया है। ऑनलाइन परीक्षा का सवाल ही नही बनता है। एकेडमिक काउंसिल में जो फैसले लिए जाएंगे, उनकी सूचना छात्रों को दी जाएगी। उन्हेंं किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होगी। 


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