कानपुर : सौ साल पुराने धर्मस्थल की मूर्तियां हटा बांधी जा रहीं बकरियां, महापौर के अभियान की उड़ी धज्जियां
कर्नलगंज में 22 मई को महापौर प्रमिला पांडेय ने मंदिर पर कब्जे की शिकायत को लेकर कार्रवाई की थी। इसी से थोड़ा आगे दूसरी पट्टी में तालिब होटल के पास भगवान शिव का सौ साल पुराना मंदिर है। मंदिर में शिवलिंग के साथ ही अन्य देवी देवताओं की मूॢतयां थीं।
कानपुर, जेएनएन। कर्नलगंज में एक और मंदिर का मामला सामने आया है। भगवान शिव के इस मंदिर में छह मूर्तियां थीं, जिन्हेंं हटाकर वहां बकरियां बांधी जा रही हैं। मंदिर का गुंबद भी टूट चुका है। मंदिर को क्षत विक्षत कर कब्जे की शुरुआत आठ साल पहले हुई थी।
कर्नलगंज में 22 मई को महापौर प्रमिला पांडेय ने मंदिर पर कब्जे की शिकायत को लेकर कार्रवाई की थी। इसी से थोड़ा आगे दूसरी पट्टी में तालिब होटल के पास भगवान शिव का सौ साल पुराना मंदिर है। मंदिर में शिवलिंग के साथ ही अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां थीं। आठ साल पहले मंदिर पर कब्जे की शुरुआत हुई, जिसके बाद से मंदिर की स्थिति लगातार बदहाल होती जा रही है। गुंबद के ऊपर लगा छत्र पूरी तरह टूट चुका है। क्षेत्रीय निवासी बताते हैं कि जब इसी सड़क पर बने मंदिर को लेकर महापौर ने कार्रवाई की थी तब यहां कब्जा करने वालों ने मंदिर को तिरपाल से ढक दिया था। स्थानीय निवासियों ने बताया कि शहर भर में स्थित पुराने मंदिरों को लेकर किए गए सर्वे में भी यह मंदिर शामिल नहीं है।
वकील की मिलीभगत से बनवाए फर्जी कागज : वर्ष 2013 में मंदिर पर कब्जे की शुरुआत हुई थी। स्थानीय निवासी बताते हैं कि एक वकील की मदद से डेढ़ लाख रुपये में फर्जी कागजात बनाकर तीन परिवारों ने यहां कब्जा कर लिया, जिसमें एक बिरयानी का काम करता है तो दूसरा चाय बेचता है।
कुछ दिन पहले की हुई थी कार्रवाई : बता दें कि अभी चंद दिनों पहले की महापौर ने ऐसे मंदिरों के पास अभियान चलाया था, जहां पर बिरयारी और मांस की दुकान थी। कुछ दिन तो इस पर अमल किया गया, लेकिन फिर बिरयानी और मांस की दुकान लगनी शुरू हो गई।