Move to Jagran APP

कानपुर में नौकरी के बहाने टूरिस्ट वीजा पर महिलाओं को खाड़ी देशों में भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि वर्क परमिट व अन्य दस्तावेजों में क्या नियम व शर्तें लिखी हैं भारतीय दूतावास इसकी भी जांच कर रहा है। कोई फर्जीवाड़ा सामने आता है तो दूतावास के अधिकारी ओमान पुलिस को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग करेंगे

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 10:17 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 10:17 AM (IST)
कानपुर में नौकरी के बहाने टूरिस्ट वीजा पर महिलाओं को खाड़ी देशों में भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश
महिलाओं के वापस आने के बाद उनके कोर्ट में बयान कराए जाएंगे

कानपुर, जेएनएन। नौकरी के बहाने टूरिस्ट वीजा पर महिलाओं को खाड़ी देशों में भेजने वाले गिरोह के विदेशी एजेंटों के खिलाफ भी वहां के भारतीय दूतावासों ने सुबूत जुटाने शुरू कर दिए हैं। ओमान के भारतीय दूतावास ने उन्नाव की महिला को वहां के एजेंटों के चंगुल से मुक्त कराकर अपनी सुरक्षा में लिया है। इसके अलावा वहां रह रही महिलाओं के वर्क परमिट समेत अन्य दस्तावेज वहां की एजेंसियों से मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक तमाम महिलाओं ने अरबी व अंग्रेजी भाषा में लिखे दस्तावेजों पर अपने हस्ताक्षर किए थे। उन्नाव की महिला को ओमान भेजने के मामले में मंगलवार को पुलिस ने कर्नलगंज के अतीकुर्रहमान व इफ्तिखाराबाद के मुजम्मिल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इनके मोबाइल फोन में कुछ नंबर शहर के ही जबकि कुछ बेंगलुरु और दिल्ली के मिले हैं। जल्द ही एक टीम बेंगलुरु जाएगी। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि वर्क परमिट व अन्य दस्तावेजों में क्या नियम व शर्तें लिखी हैं, भारतीय दूतावास इसकी भी जांच कर रहा है। कोई फर्जीवाड़ा सामने आता है तो दूतावास के अधिकारी ओमान पुलिस को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग करेंगे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि खाड़ी देशों में भारतीय महिलाएं व पुरुष एक से दो साल के परमिट पर काम करते हैं। एजेंट उनके पासपोर्ट व वीजा अपने पास रखते हैं, ताकि कामगार परमिट की शर्तों का उल्लंघन नहीं करे। डीसीपी ने बताया कि महिलाओं के वापस आने के बाद उनके कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।

prime article banner

वापसी की जगी उम्मीद : करीब सवा तीन माह से ओमान में फंसी महिला के पति को अब उसके लौटने की उम्मीद जगी है। गुरुवार को उन्हेंं आश्वासन मिला है कि उनकी पत्नी को खोज लिया गया है और उसकी वतन वापसी का टिकट भी बन रहा है। कांशीराम कॉलोनी निवासी महिला के पति ने बताया कि कॉलोनी की ही एक महिला ने पत्नी को नौकरी का झांसा देकर पांच जनवरी 2021 को पासपोर्ट व वीजा आदि बनवाकर भेजा था। पत्नी को वहां एक ऑफिस में कार्यरत श्रीलंकाई महिला रेश्मा ने किसी शेख के हाथों बेच दिया। शेख उससे सभी घरेलू काम कराने के साथ मारपीट भी करने लगा। साथ ही शारीरिक शोषण भी करने लगा। मामला गर्माने के बाद कॉलोनी की वह महिला गायब हो गई है। ओमान में फंसी शहर की एक महिला के स्वजन के मुताबिक महिलाओं को खरीदकर शेख उनसे वैश्यावृत्ति कराते हैं। घरेलू काम कराने के अलावा खुद और दोस्तों व रिश्तेदारों से जबरदस्ती करवाते हैं।

90 हजार रुपये खर्च के बाद वापस आ सकी : सफीपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला भी इस संजाल में फंस गई थी। करीब 90 हजार रुपये खर्च करने के बाद वह वहां से वापसी कर सकी है। अब वह अपने परिवार के साथ रह रही है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.