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Fog Safety Device से धुंध में सुरक्षित होगा सफर, ड्राइवर को सिग्नल की जानकारी पहले ही मिल जाएगी

रेलवे अधिकारी बताते हैं कि यह डिवाइस मालगाड़ी एक्सप्रेस सभी ट्रेनों में लगायी जा रही है। इसे लगाने की जिम्मेदारी ड्राइवर की होती है। प्रत्येक ड्राइवर अपने मुख्यालस से इस डिवाइस को लाता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद जमा कराता है।

By Akash DwivediEdited By: Published: Fri, 11 Dec 2020 06:18 PM (IST)Updated: Fri, 11 Dec 2020 06:18 PM (IST)
Fog Safety Device से धुंध में सुरक्षित होगा सफर, ड्राइवर को सिग्नल की जानकारी पहले ही मिल जाएगी
मुख्यालस से इस डिवाइस को लाता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद जमा कराता है

कानपुर, जेएनएन। कोहरा बढऩे लगा है ऐसे में ट्रेनों के सुरक्षित सफर के लिए फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने का काम भी शुरू हो गया है। सेटेलाइट आधारित यह फॉग सेफ्टी डिवाइस रेल यात्रा में काफी मदददार होता है। फॉग होने पर आगे सिग्नल लाल है या हरा, इसकी जानकारी सिग्नल आने से पहले दे देती है।  

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ट्रेनों में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने की शुरूआत तीन साल पहले हुई थी। तब इसके भारी वजन के चलते इसे लाने ले जाने से लोको पायलट ने मना कर दिया था। बहरहाल बीते दो वर्षों से अब ट्रेनों में कोहरे के बीच ड्राइवर इसकी मदद से ही ट्रेन चला रहे हैं। इस वर्ष भी निर्देश मिलने के बाद फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाने का काम शुरू हो चुका है। रेलवे अधिकारी बताते हैं कि यह डिवाइस मालगाड़ी, एक्सप्रेस सभी ट्रेनों में लगायी जा रही है। इसे लगाने की जिम्मेदारी ड्राइवर की होती है। प्रत्येक ड्राइवर अपने मुख्यालस से इस डिवाइस को लाता है और ड्यूटी खत्म होने के बाद जमा कराता है। 

सिग्नल को पकड़कर वॉयस के जरिये देती है जानकारी 

फॉस सेफ्टी डिवाइस सेटेलाइट से मिल रही सूचना के आधार पर काम करती है। इसमे रूट का पूरा डाटा दर्ज किया जाता है। ट्रेन चलने के दौरान जैसे ही सिग्नल आता है, डिवाइस उसकी जानकारी वॉयस के माध्यम से देती है। जैसे आगे लाल सिग्नल है तो डिवाइस लाल सिग्नल और उसकी दूरी के बारे में जानकारी ड्राइवर को देगी और ड्राइवर ट्रेन की गति बतायी गई दूरी के हिसाब से कम करके ट्रेन को रोक देगा। 

ट्रेन में फिक्स की जाए डिवाइस 

एनसीआरएमयू के शाखामंत्री विक्रम यादव के मुताबिक फॉग सेफ्टी डिवाइस को लाना और ले जाना बड़ी समस्या है। इसका वजन तीन किग्रा से ज्यादा होता है। चूंकि ड्राइवर के पास पहले से ही विभागीय और स्वयं का सामान होता है ऐसे में इसे लाने ले जाने में परेशानी होती है। फॉग सेफ्टी डिवाइस को ट्रेनों में हमेशा के लिए फिक्स कर दिया जाना चाहिए।


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